IFS संजीव चतुर्वेदी मामले में केंद्रीय सूचना आयोग ने PMO को दिए निष्पक्ष सुनवाई के निर्देश, 30 दिनों में मांगी रिपोर्ट
केंद्रीय सूचना आयोग ने चर्चित आइएफएस व मुख्य वन संरक्षक हल्द्वानी संजीव चतुर्वेदी के मामले में निष्पक्ष व समुचित सुनवाई करने के निर्देश प्रधानमंत्री कार्यालय को दिए हैं। आयोग ने कहा है कि संजीव के पक्ष को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए सुना जाए और कारण सहित आदेश पारित किया जाए। संजीव के अधिवक्ता सुदर्शन गोयल ने आयोग के इस आदेश की पुष्टि की है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। केंद्रीय सूचना आयोग ने चर्चित आइएफएस व मुख्य वन संरक्षक हल्द्वानी संजीव चतुर्वेदी के मामले में निष्पक्ष व समुचित सुनवाई करने के निर्देश प्रधानमंत्री कार्यालय को दिए हैं। आयोग ने कहा है कि संजीव के पक्ष को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए सुना जाए और कारण सहित आदेश पारित किया जाए।
आयोग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि पूरे मामले की सुनवाई 30 दिन के भीतर पूरी कर अनुपालन रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए। संजीव के अधिवक्ता सुदर्शन गोयल ने आयोग के इस आदेश की पुष्टि की है।
गोयल के मुताबिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में मुख्य सतर्कता अधिकारी पद पर रहते हुए संजीव ने 2012 से 2014 तक भ्रष्टाचार से जुड़े दो सौ से अधिक मामलों को उजागर किया था। 2014 में एक तत्कालीन सांसद की भूमिका की जांच को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से शिकायत की थी। तब संबंधित सांसद ने संजीव को एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी पद से हटाने व घपलों की जांच बंद करने का आग्रह पीएमओ से किया था। संजीव ने फिर पीएमओ को पत्र लिख सांसद की भूमिका की जांच कराने का निवेदन किया।
संजीव के पत्र का संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने 15 दिन के भीतर स्वास्थ्य मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट नहीं मिलने पर पीएमओ ने फरवरी 2015 में मंत्रालय को अपनी टिप्पणी भेजने को दोबारा पत्र लिखा था। अक्टूबर 2022 में पीएमओ के सूचना अधिकारी की ओर से संजीव को जवाब दिया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय से टिप्पणी मांगी गई है। इस जवाब से असंतुष्ट होकर संजीव ने सूचना आयोग का रुख किया।
अधिवक्ता गोयल के अनुसार आयोग ने इसी माह एक फरवरी को मामले में सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। केंद्रीय सूचना आयुक्त हीरा लाल सामरिया ने 12 फरवरी को पारित चार पेज के निर्णय में पीएमओ को संजीव के मामले में निष्पक्ष व समुचित सुनवाई करने के आदेश पारित किए हैं। आयोग की वेबसाइट पर भी आदेश अपलोड हो चुका है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।