Uttarakhand News: 15 अगस्त तक हैं कई छुट्टियां, कम बजट में घूमने के लिए ये जगहें हैं सबसे बढ़िया
tourism in uttarakhand बारिश में प्रकृति वनस्पतियों को जैसे धुल देती हो। उनकी हरियाली और निखर जाती है। वहीं धूल-मिट्टी भी शांत हो जाती है। स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण में पर्यटन का रोमांच दोगुना हो जाता है। ऐसे में बजट फ्रेंडली छुट्टियां बितानी हो तो चले आइए उत्तराखंड

हल्द्वानी, ऑनलाइन डेस्क : Budget Friendly tourism in uttarakhand रक्षाबंधन, सेकेंड सैटरडे, संडे और फिर 15 अगस्त। सब मिलाकर ढेरों छुट्टियां पड़ रही हैं। ऐसे में त्योहार सेलिब्रेट करने के बाद सैर-सपाटे का तो बनता ही है। समय और पैसे दोनों की बचत के लिहाज से उत्तराखंड में घूमना सबसे मुफीद हो सकता है।
नैनीताल जिले में रामनगर वैसे तो कार्बेट पार्क के लिए विख्यात है। पर हम आज बताने जा रहे हैं कार्बेट समेत रामनगर के आसपास घूमने के लिए बढ़िया जगहें।
हनुमान धाम मंदिर
हनुमान धाम भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का अकेला ऐसा मन्दिर है, जहां पर एक साथ बजरंगबली के नौ रूपों के साथ ही उनकी बारह लीलाओं के दर्शन होते हैं। मन्दिर में भव्य स्वरूप और हनुमान जी के विभिन्न रूपों को देखने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग पहुंचते हैं।
किशनपुर छोई में अंजनी ग्राम के नाम से विख्यात हो चले हनुमान धाम में अब गिरिजा मन्दिर के अलावा कॉर्बेट पार्क आने वाले पर्यटक भी भारी संख्या में पहुंचते हैं।
दरअसल, रामनगर का क्षेत्र उप्र से सटा हुआ है। यह उत्तराखंड का मैदानी भाग है। ऐसे में यहां पर आना पहाड़ी जिलों की अपेक्षा काफी सुविधाजनक व किफायती भी है। ऐसे में पर्यटकों के समय व पैसे की बचत होती है।
कैसे पहुंचे हनुमान धाम
हनुमान धाम नैनीताल जिले के रामनगर से सटे अंजनी ग्राम छोई में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन रामनगर और हल्द्वानी हैं। जबकि निकटतम एयरपोर्ट पंतनगर है।
पंतनगर से हनुमान धाम की दूरी करीब 77 किमी है। हल्द्वानी से छोई की दूरी करीब 47 किमी है। वहीं रामनगर से छोई की दूरी महज पांच किमी है।
गिरिजा या गर्जिया मंदिर
हिमालय पुत्री उमा (पार्वती) गिरिराज की कन्या होने के कारण गिरिजा कहलाई। वर्तमान रामनगर शहर से रानीखेत को जाने वाले मार्ग पर पड़ता है ढिकुली गांव। इसी गांव से 3 कि.मी. आगे, कोसी नदी के बीचों-बीच एक टापू के ऊपर गर्जिया देवी का भव्य मंदिर स्थित है
मंदिर की कहानी
वर्ष 1950 में महादेव गिरी जी नागा बाबा, जिन्हें अनेक सिद्धियां प्राप्त थीं। वह पहुंचे हुए तांत्रिक थे। यहां आकर रहने लगे। उन्होंने अपने शिष्य पाठक को इस स्थान पर मां की उपासना शुरू करने का आदेश दिया। तांत्रिक पाठक जापान की फौज में बर्मा में सिपाही थे। तांत्रिक नागाबाबा ने राजस्थान से भैरव, गणेश और तीन महादेवियों की मूर्तियों को लाकर यहां स्थापित करवाया।
इस तरह से पड़ा नाम
एक बार नागा बाबा मंत्रोच्चारण से मूर्ति स्थापित करा रहे थे। ठीक उसी दौरान एक शेर आकर सामने खड़ा हो गया था। शेर ने तेज गर्जना की, जिसे संकेत मानकर मंदिर का नाम गर्जिया देवी रखा गया। इसके बाद प्राचीन टीले को काटकर सीढिय़ां बनाई गईं।
ऐसे पहुंचे गर्जिया
रामनगर के लिए बस व ट्रेन दोनों साधन हैं। रामनगर बस अड्डे या स्टेशन पहुंचकर टैक्सी कर ढिकुली गांव के 3 किमी आगे कोसी नदी में मंदिर स्थित है।
मानसून में खुले हैं सफारी के लिए तीन जोन
कार्बेट व आसपास सफारी करना और जंगल के बीच शांत वातावरण में प्रकृति के पास सुकून भरे पल बिताना सुरक्षित व रोमांचक होता है। इन छुट्टियों के दौरान कार्बेट पार्क के ढेला व झिरना जोन में आप सफारी कर कर सकते हैं। इसके अलावा अभी हाल में खुले फाटो जोन में भी सफारी की सुविधा रहेगी।
झिरना जोन में सुबह व शाम कुल 60 व ढेला जोन में सुबह व शाम कुल 30 जिप्सियों से पर्यटक घूमने जा सकते हैं। बारिश के समय में बहते पानी में निजी वाहन बिल्कुल न उतारें। जरूरत पड़ने पर स्थानीय लोगों से मदद जरूर लें।
यहां से ले सकते हैं जानकारी
सामान्य जानकारी और बुकिंग के लिए आप कार्बेट की वेबसाइट देखें: http://corbettonline.uk.gov.in व www.uk.gov.inपर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही मोबाइल नंबर 9759363344 या ईमेल: etuctr-forest-uk@nic.in पर मेल कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें कार्बेट टाइगर रिजर्व
आप कार्बेट टाइगर रिजर्व सड़क, रेल और वायु मार्ग से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से: दिल्ली-मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर
रेल मार्ग से : दिल्ली-मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर (निकटतम रेलवे स्टेशन रामनगर है।)
वायु: देहरादून और दिल्ली निकटतम परिचालन हवाई अड्डे हैं।
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