Uttarakhand By Election : सल्ट में दो बार हाथ का साथ तो दो बार खिला है कमल, इस बार दोनों की साख दांव पर
Uttarakhand By Election राज्य गठन के बाद प्रदेश ने चार बार जनादेश दिया। सल्ट विधानसभा से पहले व दूसरे चुनाव में कांग्रेस के रंजीत सिंह ने बाजी मारी। तीसरे में भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना ने बड़े अंतर से पहली बार पार्टी को जीत दिलाई।
अभिषेक राज, हल्द्वानी : Uttarakhand By Election : राज्य गठन के बाद प्रदेश ने चार बार जनादेश दिया। सल्ट विधानसभा से पहले व दूसरे चुनाव में कांग्रेस के रंजीत सिंह ने बाजी मारी। तीसरे में भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना ने बड़े अंतर से पहली बार पार्टी को जीत दिलाई। यह सिलसिला चौथे विधानसभा में भी जारी रहा। सीट भाजपा की ही झोली में रही। इस बार जीत का अंतर बढ़ा और जीना का कद भी। कुल पड़े मत में अकेले जीना की हिस्सेदारी आधी रही। बाकी में कांग्रेस सहित अन्य नौ प्रत्याशी।
सुरेंद्र के असामयिक निधन से पहली बार उप चुनाव का सामना कर रहे सल्ट विधानसभा का समर रोमांचक मोड़ पर है। भले ही भाजपा व कांग्रेस सहित अन्य दल इसे 2022 का सेमीफाइनल मान रहे हैं। लेकिन चार चुनाव में दो-दो की बराबरी के बाद उपचुनाव में मुकाबला फाइनल का ही है। विजेता का कार्यकाल भले ही छोटा हो। लेकिन पहचान बड़ी मिलेगी। भाजपा जीती तो जीना परिवार का जलवा बरकरार रहेगा। पार्टी व संगठन में कद के साथ रुतबा भी बढ़ेगा। बाजी कांग्रेस के हाथ लगी तो प्रचार का आधार बने 'काम कम-बातें ज्यादाÓ को बल मिलेगा। किसी तीसरे ने मैदान मारा तो सल्ट रिकॉर्ड कायम करेगा।
अब तक के चुनावी समर को देखें तो भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रही। अलबत्ता दूसरे विधानसभा में निर्दल दिनेश ने भाजपा को दरकिनार कर कांग्रेस को कांटे की टक्कर दी। हालांकि अंत में बाजी कांग्रेस के रंजीत सिंह ने ही मारी। लेकिन इस चुनाव ने तमाम राजनीतिक गुणा गणित को नकार दिया था।
2002
राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने रंजीत सिंह तो भाजपा ने मोहन पर दांव लगाया। चुनाव में दोनों कद्दावर नेताओं ने मोर्चेबंदी की। 14 फरवरी को हुए मतदान में कुल 59, 537 मतदाताओं में से मात्र 28, 850 ने ही मताधिकार का प्रयोग किया। 24 फरवरी को मतगणना के दिन सभी की धड़कनें बढ़ी रहीं। कभी रंजीत बढ़त बनाते तो कभी मोहन। अंत में रंजीत ने 11, 988 मत पाकर मोहन को 3552 मतों के अंतर से मात दे दी।
2007
दूसरे चुनाव में दिग्गजों की नजर कांग्रेस की पारंपरिक सीट पर टिक गई। हालांकि इस बार कई उलटफेर हुए। भाजपा का मतप्रतिशत तेजी से घटा तो निर्दल निदेश ने कांग्रेस के रंजीत सिंह को कांटे की टक्कर दी। एक बार लगा कि दिनेश बाजी मार ले जाएंगे। लेकिन प्रचार के आखिरी दिनों में माहौल बदला और रंजीत फिर विजयी हुए। सल्ट विधानसभा में कांग्रेस 15, 190 वोटों के साथ फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। निर्दल दिनेश सिंह को 8075 मतों से ही संतोष करना पड़ा।
2012
कांग्रेस की पारंपरिक सीट सल्ट से सुरेंद्र सिंह जीना ने तीसरे चुनाव में पहली बार भाजपा को जीत का स्वाद चखाया। लगातार हार के बाद भाजपा ने रणनीतिक रूप से बड़ा बदलाव किया। चाय कारोबारी जीना को रंजीत के समक्ष मैदान में उतारा। यह फैसला सही साबित हुआ। कुशल प्रबंधन और सहज छवि ने ऐसा कमाल किया कि जीना ने पांच हजार के अंतर से बाजी मार ली। इस बार कुल 10 नामांकन हुए। एक पर्चा वापस हो गया। शेष नौ में सात की जमानत ही जब्त हो गई।
2017
चौथे चुनाव में भी जीना का जलवा बरकरार रहा। हां, जीत का अंतर जरूर कम हुआ। लेकिन कुल प्रतिशत को देखें तो उन्हेंं आधे से अधिक मत मिले। असल में कांग्रेस ने जीत के लिए रंजीत की जगह इस बार गंगा पंचोली को मैदान में उतारा। वह मजबूती से लड़ीं भी। 95, 735 मतदाताओं में से 44, 044 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 11 मार्च को मतों की गिनती शुरू हुई तो जीना ने दूसरी बार भी जीत दर्ज कर खुद की मजबूती को साबित किया। उन्हेंं 21, 581 तो कांग्रेस की गंगा को 18, 677 मत मिले।
सल्ट के सरताज
चुनाव वर्ष विजेता दल प्राप्त मत कुल मतदान
2002 रंजीत सिंह कांग्रेस 11, 988 28, 850
2007 रंजीत सिंह कांग्रेस 15,190 34, 824
2012 सुरेंद्र जीना भाजपा 23, 956 46, 942
2017 सुरेंद्र जीना भाजपा 21, 581 44, 044
भाजपा के लिए शुभ रहा कम मतदान
वर्ष मतदान फीसद में जीत
2002 48.46 कांग्रेस
2007 57.72 कांग्रेस
2012 51.98 भाजपा
2017 46.01 भाजपा
अब तक के मतदान और मतगणना
वर्ष मतदान मतगणना
2002 14 फरवरी 24 फरवरी
2007 21 फरवरी 27 फरवरी
2012 30 जनवरी 06 मार्च
2017 15 फरवरी 11 मार्च
सबसे बड़ी जीत
वर्ष दल विजेता अंतर
2007 कांग्रेस रंजीत सिंह 7115
कम अंतर से हार
2017 कांग्रेस गंगा पंचोली 2904
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