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नैनीताल जू में वन्यजीवों को आहार में अंडे देने पर रोक, बर्ड फ्लू के मामले सामने पर बरती सतर्कता

दक्षिण भारत में बर्ड फ्लू के दस्तक देने से नैनीताल का चिडिय़ाघर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। एहतियात के तौर पर यहां वन्यजीवों को आहार में अंडे देने पर रोक लगा दी गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 10:33 AM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 10:33 AM (IST)
नैनीताल जू में वन्यजीवों को आहार में अंडे देने पर रोक, बर्ड फ्लू के मामले सामने पर बरती सतर्कता

नैनीताल, जेएनएन : दक्षिण भारत में बर्ड फ्लू के दस्तक देने से नैनीताल का चिडिय़ाघर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। एहतियात के तौर पर यहां वन्यजीवों को आहार में अंडे देने पर रोक लगा दी गई है। प्रोटीन की आपूर्ति के लिए सप्लीमेंट दिया जा रहा है। पक्षियों के बाड़ों में रसायनों का छिड़काव किया जा रहा है।

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चिडिय़ाघर के डॉ. हिमांशु पांगती ने बताया कि हर वर्ष शीतकाल में केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की ओर से बर्ड फ्लू को लेकर खास एडवायजरी जारी की जाती है। शीतकाल में तो ऐसे कोई मामले प्रकाश में नहीं आए, लेकिन हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। चिडिय़ाघर में करीब 22 प्रजातियों के पक्षी हैं, जिन्हें लेकर खास एहतियात बरती जा रही है। रोकथाम के लिए पक्षियों और रेड पांडा को दिए जाने वाले अंडे पर रोक लगा दी गई है। सभी पक्षियों के बाड़े में रसायनों का नियमित छिड़काव किया जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर से लाया जाएगा स्नो लैपर्ड

स्नो लैपर्ड एक बार फिर प्राणी उद्यान की शोभा बढ़ाएगा। पूर्व में जू में स्नोलैपर्ड था, जिसकी मौत हो गई। फिलहाल जू में स्नो लैपर्ड की टैक्सीडर्मी स्थापित की गई है। डीएफओ ने बताया कि एक बार फिर स्नोलैपर्ड को लाने के लिए जू प्रबंधन द्वारा सेंट्रल जू अथॉरिटी को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही जम्मू-कश्मीर से स्नोलैपर्ड नैनीताल लाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया रानीबाग रेसक्यू सेंटर भी अब चिडिय़ाघर के अधीन आ गया है। अब तक यह नैनीताल वन प्रभाग के अधीन था।

बाघ का कराया जाएगा प्रजनन

सेंट्रल जू से नैनीताल जू के मास्टर प्लान को सहमति मिलने के बाद अब जू में मौजूद पशु-पक्षियों का प्रजनन कराय जा सकेगा, जिसमें बाघ के प्रजनन पर जू प्रबंधन का विशेष ध्यान रहेगा। पूर्व में एक बार बाघ के प्रजनन की कोशिश तत्कालीन डीएफओ द्वारा की गई थी लेकिन सफलता नहीं मिली थी। आगामी वित्तीय वर्ष और अगले मैटिंग सीजन में बाघ प्रजनन की कवायद शुरू की जाएगी। यदि प्रयोग सफल रहा तो यह जू के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

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