Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अवैध खनन रोकने का काम नहीं कर सकती सेना की पर्यावरण बटालियन, आर्मी की लीगल सेल ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

    Updated: Thu, 19 Jun 2025 03:07 PM (IST)

    भारतीय सेना की पर्यावरण बटालियन ने हाई कोर्ट को बताया कि वे पर्यावरण की रक्षा करते हैं पर अवैध खनन नहीं रोक सकते। हरिद्वार में गंगा किनारे अवैध खनन से ...और पढ़ें

    Hero Image
    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। भारतीय सेना की पर्यावरण बटालियन की लीगल सेल ने साफ कर दिया है कि पर्यावरण बटालियन पर्यावरण व जल स्रोतों को बचाने के लिए कार्य कर रही है लेकिन वह नदियों में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिसिंग का काम नहीं कर सकती।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाई कोर्ट की ओर से गंगा में अवैध खनन रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर आर्मी लीगल सेल से यह जानकारी मांगी गई थी, जिसका लीगल सेल ने जवाब दिया है। बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मातृ सदन की हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर व कुंभ मेला क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे हो रहे अवैध खनन रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

    इस दौरान मातृ सदन की ओर से कहा गया कि कोर्ट व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हरिद्वार में चल रहे 48 स्टोन क्रशरों को 2017 में बंद करने के निर्देश दिए थे। जो कोर्ट के निर्देश पर बंद भी हो गए थे लेकिन उन्हें बाद में बिना कोर्ट की अनुमति के फिर से खोल दिया गया।

    यह भी कहा कि राज्य के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने इन्हें खोलने की अनुमति नहीं दी बल्कि महाधिवक्ता की राय से संचालित हुए।   इस बीच तीन स्टोन क्रशर स्वामियों की ओर से याचिका में पक्षकार बनाए जाने के प्रार्थना पत्र की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पर्यावरणीय दृष्टि से गंगा से पांच किमी की दूरी पर स्टोन क्रशर लगाने की अनिवार्यता बताई, इस मामले में कोर्ट को बताया गया कि किसी उद्योग को बंद करने से पूर्व उसे नोटिस देना आवश्यक है, इस मुद्दे पर अब कोर्ट 23 जून को सुनवाई करेगी। 

    हरिद्वार मातृ सदन ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में नियमों को ताक पर रख धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है।

    गंगा नदी में खनन करने वाले नेशनल मिशन क्लीन गंगा मिशन को पलीता लगा रहे हैं। याचिका में गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की प्रार्थना की गई है, ताकि गंगा नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके। केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसीजी बोर्ड गठित किया है।

    जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है। एनएमसीजी की ओर से राज्य सरकार को बार-बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाए लेकिन उसके बाद भी खनन कार्य करवाया जा रहा है।