ऊधमसिंहनगर के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से अनिल शर्मा की छुट्टी
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय पर हापुड़ की फर्म को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं। खेल आपदा प्रबंधन की खरीद के लिए उपकरणों की खरीद को डाले गए टेंडरों में खेला गया।
रुद्रपुर, जेएनएन : ऊधमसिंहनगर के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से अनिल शर्मा की छुट्टी हो गई है। अनुबंध खत्म होने का हवाला देते हुए प्रशासन ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज जिला कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी अमित कुमार को सौंप दिया है। चर्चा है कि टेंडर में हेराफेरी के बाद एफआइआर उनका कार्यकाल न बढऩे की बड़ी वजह बनी है। हालांकि कोई अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
बता दें कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय पर हापुड़ की फर्म को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं। खेल आपदा प्रबंधन की खरीद के लिए उपकरणों की खरीद को डाले गए टेंडरों में खेला गया। 28 नवंबर को हुए टेंडर में पांच कंपनियों ने हिस्सा लिया था। एक कंपनी टेक्निकल आउट हो गई थी, जबकि चार मैदान में थीं। टेंडर ओपन भी हो गए थे पर गड़बड़झाला डेमोस्ट्रेशन में हुआ। कार्यालय के अनुसेवक देवेंद्र कुमार आर्या ने फाइल हापुड़ की अफिल केमिकल इंडिया का प्रतिनिधि तरुण गोयल को दे दी, जिसमें कार्यालय के ही वॉशरूम में ओवरराइटिंग की गई।
खैर, पूरा मामला चर्चा में आने के बाद टेंडर निरस्त किए जा चुके हैं वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अनिल शर्मा, अनुसेवक देवेंद्र कुमार आर्या और अफिल केमिकल इंडिया के प्रतिनिधि तरुण गोयल पर पंतनगर थाने में एफआइआर दर्ज हो चुकी है। अफिल केमिकल इंडिया को नई टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने से भी रोक दिया गया है। उधर, प्रशासन ने अफिल केमिकल इंडिया को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है। ऐसे में यह कंपनी भविष्य में किसी भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेगी।
... तो हाईकोर्ट जा सकते हैं शर्मा
सवालों के घेरे में आए जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अनिल शर्मा हाईकोर्ट की शरण भी ले सकते हैं। उनका कहना है कि फाइलों में कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। जिस समय पूरा मामला हुआ, वह एडीएम एलओ की बैठक में थे, ऐसे में उनका नाम मामले में घसीटा जाना ठीक नहीं है।
दर्ज हुए कार्यालय कर्मचारियों के बयान
आपदा प्रबंधन कार्यालय में हुई हेराफेरी की पंतनगर थाने में दर्ज रिपोर्ट में विवेचना शुरू हो गई है। जांच उपनिरीक्षक सोनिका जोशी को सौंपी गई है, जिन्होंने कार्यालय पहुंच कर्मचारियों के बयान दर्ज कर लिए हैं। इसके साथ ही मुकदमा दर्ज कराने वाले कलक्ट्रेट के अनुभाग प्रभारी संग्रह के बयान भी लिए गए हैं। पुलिस ने वह वीडियो फुटेज भी कब्जे में ले ली है, जिसमें अनुसेवक फाइल को वॉशरूम में ले जाता दिख रहा है। उपनिरीक्षक जोशी ने बताया कि जल्द ही आरोपियों से भी पूछताछ की जाएगी।
कंपनी को किया गया ब्लैकलिस्टेड
एनएस नबियाल, मजिस्ट्रेट/ओसी, कलक्ट्रेट ने बताया कि अफिल केमिकल इंडिया कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। इसके साथ ही जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का चार्ज कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी को दिया गया है।
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