Uttarakhand Lockdown Day 12 : नैनीताल जिले में डेढ़ हजार आंगनबाड़ी वर्कर घर-घर पहुंचा रहीं पोषाहार
कोरोना संक्रमण के खतरे से हर कोई सहमा है। डर और चिंता के बीच कई लोग सुखद उम्मीद जगाए हुए हैं। इस नेक काम में आंगनबाड़ी वर्कर्स ने भी खुद को आगे कर लिया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना संक्रमण के खतरे से हर कोई सहमा है। डर और चिंता के बीच कई लोग सुखद उम्मीद जगाए हुए हैं। इस नेक काम में आंगनबाड़ी वर्कर्स ने भी खुद को आगे कर लिया है। महिला व बाल स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खुद की सेहत की परवाह छोड़कर घर-घर पोषाहार पहुंचाने में जुट गई हैं।
बाल विकास परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती व धात्री महिलाओं व बच्चों को हर माह पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। महीने की पांच तारीख से इसका वितरण शुरू हो जाता है। लॉकडाउन के चलते घरों से बाहर निकलने पर मनाही है। आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी वर्कर्स के सामने चुनौती है। ऐसे मुश्किल समय में इन्होंने जज्बा दिखाया है। नैनीताल जिले में 1400 से अधिक वर्कर इस मुहिम में जुटे हैं। रविवार से घर-घर जाकर पोषाहार बांटने का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि पोषाहार बांटने के दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स से पूरी सावधानी बरतने को कहा गया है।
ये है पोषाहार का मानक
गर्भवती व धात्री महिलाओं को प्रतिमाह 237.50 रुपये व बच्चों को 200 रुपये प्रतिमाह की दर से पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। इसमें दलिया, गुड़, चना, मूंग, मूंगफली, आयोडीन युक्त नमक आदि दिया जाता है।अनुलेखा बिष्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि धारी विकासखंड को छोड़कर जिले के सात विकासखंडों में पोषाहार का घर-घर वितरण शुरू हो गया है। धारी में एक-दो दिन के भीतर वितरण शुरू हो जाएगा। दस अप्रैल तक सभी तक पोषाहार पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
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