जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : जिला अस्पताल में आधी रात को इमरजेंसी में तैनात डाक्टर के नशे में पाए जाने के मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट ने भी संज्ञान लिया। डीजी हेल्थ ने पूरे मामले की जानकारी ली।
डॉक्टर ने शराब के नशे में होने से किया इनकार
इधर अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. कुसुमलता ने संबंधित डाक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है। डाक्टर ने अपना पक्ष रखते हुए शराब के सेवन से इंकार करते हुए खुद का स्वास्थ्य बिगड़ने की बात कही है। डॉक्टर के मुताबिक शराब नहीं, दवाओं के कारण उन्हें नशा हुआ था।
आधी रात बच्चे को दिखाने पहुंचे थे बलवंत
जिला अस्पताल में बीते मंगलवार की रात डेढ़ बजे आपातकालीन स्थिति में बलवंत लाल अपने पांच वर्षीय पुत्र आरुष कुमार को लेकर पहुंचे थे। बच्चे को 103 डिग्री बुखार था। इमरजेंसी में मरीज को उपचार करवाने ले गए तो वहां तैनात डाक्टर बोलने की स्थिति में नहीं था।
दवायइयां नहीं लिख पा रहे थे डॉक्टर
आरोप है कि उसकी जुबान लडखड़ाने लगी, और वह पर्चे में दवाइयां भी नहीं लिख सका। नशे में धुत डाक्टर को देख स्वजनों ने कड़ी नाराजगी जताई। जिसके बाद स्वजन बगैर बच्चे का उपचार करवाए बैरंग लौट गए और पूरे मामले का वीडियो वायरल हो गया। इधर गुरुवार को निरीक्षण को पहुंची डीजी हैल्थ ने पूरे मामले की जानकारी ली।
डॉक्टर ने कहा, खराब हो गई थी तबीयत
उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रकरण में अगर डाक्टर दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जबकि स्पष्टीकरण के जवाब में संबंधित डाक्टर का कहना है कि उनका स्वास्थ्य खराब था, रात में दवाओं का सेवन कर उन्हें नींद आ रही थी और हरारत हो गई थी।
पीएमएस बोलीं मामले की जांच की जाएगी
पीएमएस जिला अस्पताल अल्मोड़ा डा. कुसुमलता ने बताया किमामले में संबंधित से स्पष्टिकरण मांगा गया है। डाक्टर का कहना है कि उनका खुद का भी स्वास्थ्य खराब था। मामले की पूरी जांच की जाएगी।