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    नैनीताल राजभवन अब लोकभवन: तीसरी बार बदला ऐतिहासिक इमारत का नाम, 125 साल का इतिहास

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 10:48 AM (IST)

    नैनीताल का ऐतिहासिक राजभवन अब लोक भवन के नाम से जाना जाएगा। ब्रिटिश काल में निर्मित, इसे पहले गवर्नर हाउस और फिर राजभवन कहा गया। 220 एकड़ में फैले इस ...और पढ़ें

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    नैनीताल राजभवन अब लोकभवन।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। नैनीताल का ऐतिहासिक राजभवन अब लोक भवन के रूप में जाना व पहचाना जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र को राज्यपाल की ओर से स्वीकृति के बाद राजभवन का आधिकारिक नाम अब लोक भवन कर दिया गया है। आलीशान व बेजोड़ शिल्प के लिए प्रसिद्ध स्काटिश महल की तरह निर्मित राजभवन को 125 साल पूरे हो गए हैं।

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    आजादी के बाद इसे राजभवन नाम दिया गया

    इतिहासकार प्रो. अजय रावत के अनुसार ब्रिटिशकाल में नार्थ वेस्ट प्रोविंस के गवर्नर हाउस के रूप में इस राजभवन का निर्माण किया था। आजादी के बाद इसे राजभवन नाम दिया गया। प्रो. रावत के अनुसार राजभवन की नींव 27 अप्रैल 1897 में पड़ी थी। लोकभवन का क्षेत्रफल 220 एकड़ में से 160 एकड़ जंगल है। 1975 में यहां 75 एकड़ क्षेत्रफल में गोल्फ मैदान बनाया गया। इसकी नींव यूनाइटेड किंगडम के राजनिवास बकिंघम पैलेस की तर्ज पर पड़ी थी।


    तीसरी बार बदला ऐतिहासिक इमारत का नाम

    मुंबई के ऐतिहासिक छत्रपति शिवाजी टर्मिनल को डिजाइन करने वाले फेड्रिक विलियम स्टीवन ने इस भवन की डिजाइन तैयार की थी। अंग्रेजी ई आकार की इस इमारत के निर्माण में नार्थ वेस्ट प्रोविंस के गवर्नर सर एंथोनी पेट्रिक मेकडोनल्ड की विशेष भूमिका रही। अवध की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद नार्थ वेस्ट प्रोविंस के गवर्नर का यहां प्रवास शुरू हुआ। 115 कमरों के दो मंजिला भवन में स्वीमिंग पूल भी है।

    20 जून 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस इमारत के 125 साल पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट जारी किया था। हाल ही में राष्ट्रपति ने रात्रि प्रवास भी लोकभवन में किया था।