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अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस को दिया मेजरनामा, बोले हल्द्वानी या रामनगर में शिफ्ट हो हाई कोर्ट

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भले ही हाई कोर्ट को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्ट करने का पुरजोर विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:11 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:11 AM (IST)
अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस को दिया मेजरनामा, बोले हल्द्वानी या रामनगर में शिफ्ट हो हाई कोर्ट
अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस को दिया मेजरनामा, बोले हल्द्वानी या रामनगर में शिफ्ट हो हाई कोर्ट

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भले ही हाई कोर्ट को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्ट करने का पुरजोर विरोध करते हुए प्रस्ताव पारित किया है। अब हाई कोर्ट के ढाई सौ से अधिक अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र सौंपकर हाई कोर्ट को नैनीताल जिले के रामनगर या हल्द्वानी में शिफ्ट करने का सुझाव दिया है। इन अधिवक्ताओं का कहना है कि हाई कोर्ट की अलग बेंच नहीं बननी चाहिए।

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दरअसल हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी कांडपाल ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर हाई कोर्ट को रानीबाग में शिफ्ट करने की मांग उठाई थी। इस मामले में चीफ जस्टिस द्वारा सुझाव भी मांगे गए थे। नैनीताल में अतिक्रमण हटाओ अभियान तथा भारी वाहनों की शहर में एंट्री पर पाबंदी समेत अन्य आदेशों की वजह से लगी पाबंदियों की वजह से होटल-रेस्टोरेंट की एक लॉबी अर्से से हाई कोर्ट को शिफ्ट करने की पक्षधर रही है। पिछले दिनों चीफ जस्टिस द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ताओं व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष, महासचिव के साथ चर्चा भी की थी। जिसके बाद बार एसोसिएशन की आम सभा ने एक स्वर में हाई कोर्ट शिफ्ट करने के विरोध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था।

अध्यक्ष पूरन सिंह बिष्ट ने तो बकायदा साफ कर दिया था कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा या जान देनी पड़े, वह कभी भी हाईकोर्ट शिफ्ट होने की सहमति नहीं देंगे। इधर गुरुवार को हाई कोर्ट शिफ्टिंग का मामला फिर चर्चा के केंद्र में आ गया। जब करीब 280 अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट को जिले के मैदानी इलाके हल्द्वानी या रामनगर शिफ्ट करने का सुझाव दिया है। साथ ही कहा कि कोर्ट की बेंच को शिफ्ट नहीं किया जाना चाहिए। हस्ताक्षर करने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल हैं, जो पिछले दिनों बार एसोसिएशन की आम सभा में शामिल नहीं हुए थे।

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