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    आदित्य एल-वन के शुरुआती परीक्षण सफल, सूर्य की एक्स श्रेणी की सौर ज्वालाएं कैमरे में कैद; वैज्ञानिक उत्साहित

    इसरो के आदित्य एल-वन मिशन के शुरुआती परीक्षणों ने वैज्ञानिकों को उत्साहित किया है। आदित्य एल-वन ने सूर्य की सतह की तस्वीरें भेजी हैं और एक्स श्रेणी की सौर ज्वालाओं को कैमरे में कैद किया है। आदित्य एल-वन का उद्देश्य सूर्य में होने वाली हलचल सौर ज्वाला सौर तूफान और अंतरिक्ष जलवायु की जानकारी जुटाना है। हल्द्वानी में डेटा प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित किया गया है।

    By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 06 Jul 2025 03:09 PM (IST)
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    आदित्य एल-वन द्वारा गुरुवार को सूर्य की सतह की भेजी गई तस्वीर। सौजन्य प्रो. दीपांकर बनर्जी

    -सौर ज्वाला के साथ ही अंतरिक्ष जलवायु की जानकारी धरती तक पहुंचाना उपग्रह का उद्देश्य

    -सूर्य की एक्स श्रेणी की सौर ज्वालाएं कैमरे में कैद

    रमेश चंद्रा, नैनीताल। छह जनवरी 24 में लैगरेंज 1 (एल-वन) बिंदु पर स्थापित किया गया इसरो के मिशन आदित्य एल-वन के शुरुआती प्रेक्षण उत्साहित करने वाले हैं। आदित्य एल-वन ने गुरुवार को सूर्य की सतह की तस्वीरें भेजी है। आदित्य सूर्य की एक्स श्रेणी की सौर ज्वालाओं की तस्वीर कैमरे में उतार चुका है।

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    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पूर्व निदेशक व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी थिरुवनंतपुरम, केरला के निदेशक व आदित्य एल-वन के सह अध्यक्ष प्रो दीपांकर बनर्जी ने यह जानकारी दी है।

    प्रो बनर्जी ने बताया कि 11 वर्षीय सौर चक्र के चलते सूर्य पिछले एक वर्ष से बेहद सक्रिय है। यह अवसर आदित्य एल-वन की जांच व परीक्षण के लिए सुनहरा अवसर है। जिसे ध्यान में रखते हुए आदित्य को निर्धारित समय में लांच किया गया था।

    जिसे सही समय पर स्थापित करने में इसरो को अभूतपूर्व सफलता मिली थी। आदित्य ने 2024 से सूर्य की सतह, सौर भभुकाएं, सौर कलंक व कई अन्य गतिविधियों की तस्वीरों को भेजना शुरू कर दिया था। अल्ट्रावॉयलेट सोलर फ्लेयर

    सौर पराबैंगनी इमेजिंग दूरबीन (सूट) का परीक्षण और आंकलन किया गया। यह परिणाम उत्साहवर्धन करने वाली थी। आदित्य ने सौर ज्वालाओं की रिकॉर्डिंग करने में शानदार सफलता हासिल की है। अभी तक की टेस्टिंग में आदित्य एल-वन के अधिकांश उपकरणों ने सटीक रिजल्ट दिए हैं।

    इसके प्रमुख कार्य सूर्य में होने वाली हलचल सौर ज्वाला, सौर तूफान, सौर कलंक समेत अंतरिक्ष जलवायु की जानकारी जुटाना है। आदित्य के कैमरे ने एक्स फ्लेयर कही जाने वाली सबसे बड़ी ज्वालाओं को रिकॉर्ड करने में सफलता हासिल की है।

    सूर्य की तस्वीरों का डेटा प्रोसेसिंग को लेकर विभिन्न देश की नगरों में प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। प्रो दीपांकर बनर्जी ने बताया कि सूर्य की निगरानी को लेकर आदित्य एल 1 मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष स्पेस एजेंसी नासा व यूरोपियन स्पेस एजेंसी ईसा का संयुक्त मिशन सोहो के बाद दूसरा महत्वपूर्ण मिशन है। जिसे लेकर दुनिया के सौर वैज्ञानिकों की नजर आदित्य एल 1 पर है।

    हल्द्वानी में बनाया गया है डेटा प्रोसेसिंग सेंटर

    नैनीताल: प्रो दीपांकर बनर्जी ने बताया कि हल्द्वानी के बीएसएनएल परिसर में डेटा प्रोसेसिंग सेंटर बनाया गया है। जिसमें उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न प्रांतों के विश्व विद्यालयों के विद्यार्थी व सौर वैज्ञानिक डेटा प्रोसेसिंग में हिस्सा ले सकेंगे। देश के युवाओं के लिए यह सेंटर महत्वपूर्ण साबित होगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में इसरो का सराहनीय कदम है।