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    बाॅलीवुड के मशहूर एक्टर सौरभ शुक्ला शूटिंग के लिए पहुंचे अल्मोड़ा

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 06 Jun 2021 06:07 AM (IST)

    दूरदर्शन के टीवी शो तहकीकात से अभिनय का सफर शुरू करने वाले सिने अभिनेता व फिल्म निदेशक सौरभ शुक्ला सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में अपनी भावी फिल्म की शूटिंग करेंगे। उन्होंने कुमाऊं की प्राचीन कमिश्नरी के हैरिटेज स्थलों का बारीकी से जायजा लिया।

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    बाॅलीवुड के मशहूर एक्टर और जॉली एलएलबी के जज साहब यानी सौरभ शुक्ला शूटिंग के लिए पहुंचे अल्मोड़ा

    अल्मोड़ा, जागरण संवाददाता : दूरदर्शन के टीवी शो 'तहकीकात' से अभिनय का सफर शुरू करने वाले सिने अभिनेता व फिल्म निदेशक सौरभ शुक्ला सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में अपनी भावी फिल्म की शूटिंग करेंगे। उन्होंने कुमाऊं की प्राचीन कमिश्नरी के हैरिटेज स्थलों का बारीकी से जायजा लिया। मल्ला महल के पुनर्निर्माण कार्यों को देख कहा कि धरोहर को सहेज कर रखने की पहल काबिलेतारीफ है।

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    पीके, जॉली एलएलबी, सत्या, बर्फी वगैरह तमाम हिट फिल्मों का निर्माण कर अपनी अभिनय क्षमता से हरेक को कायल बनाने वाले अभिनेता व फिल्म डायरेक्टर सौरभ शुक्ला पहली बार शनिवार को अल्मोड़ा पहुंचे। उन्होंने ब्रितानी दौर के साथ ही कत्यूर व चंद शासनकाली पुरातात्विक महत्व वाली धरोहरों को देख मुग्ध हुए। उन्होंने कहा कि इससे खूबसूरत स्थल और कहीं नहीं है।

    सौरभ अल्मोड़ा नगर में अपनी फिल्म के दृश्य फिल्माने के लिए सितंबर में आएंगे। उनका यह दौरा इसी सिलसिले में रहा। उन्होंने कलक्ट्रेट स्थित मल्ला महल के साथ ही मुख्य बाजार में लोकेशन तलाशी। बाद में वह धार्मिक पर्यटन के मशहूर कसारदेवी भी पहुंचे। इससे पूर्व फिल्म अभिनेता ने डीएम नितिन सिंह भदौरिया आदि से भी शिष्टïाचार भेंट की। कहा कि उत्तराखंड की नैसर्गिक खूबसूरती देख यहां फिल्मांकन के लिए तमाम फिल्म निर्माता मन बना रहे हैं।

    पिता और मां को था फिल्में देखने का शौक

    फिल्मों में आने की बात पर सौरभ बताते हैं सिनेमा का शौक हमें बचपन से ही लग गया था। पिता जी शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के मशहूर गायक और मां जोगमाया शुक्ला तबला वादक थीं ही। दोनों को पिक्चर देखने का बड़ा शौक था। हम चार लोग, मैं, मेरा बड़ा भाई, मां और बाबा, हर संडे को सुबह मॉर्निंग शो में अंग्रेजी पिक्चर जरूर देखते थे। फिर घर आकर खाना वगैरह खाकर शाम को छह बजे एक हिंदी फिल्म का शो भी जरूर देखते थे। ये हमारा तय साप्ताहिक कार्यक्रम था, महीने में आठ फिल्में तो हम देखते ही देखते थे। फिल्में देखते ही देखते अभिनय का शुरूर चढ गया।

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