छात्रसंघ चुनाव : टिकट न मिलने पर समर्थकों ने एबीवीपी कार्यकर्ता को धुना
एनएसयूआइ ही नहीं एबीवीपी की गुटबाजी भी खुलकर सामने आ गई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : एनएसयूआइ ही नहीं एबीवीपी की गुटबाजी भी खुलकर सामने आ गई है। रविवार को एनएसयूआइ में टिकट की घोषणा होते ही दूसरे गुट ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था, वहीं सोमवार को एबीवीपी में टिकट की घोषणा होते ही दूसरे गुट ने संगठन के खिलाफ ही खुलकर मोर्चा खोल दिया। आलम ये रहा कि संगठन के एक गुट के समर्थक ने अपने ही संगठन के कार्यकर्ता की सरेआम धुनाई लगा दी। इससे संगठन के आका भी बेचैन हो उठे। एबीवीपी में अध्यक्ष पद पर टिकट देने को लेकर कई दिनों से घमासान चल रहा था। चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद कमलेश भट्ट व देवेंद्र बिष्ट में से किसे टिकट दिया जाए, इस पर निर्णय लेने को लेकर कई बड़े पदाधिकारी हल्द्वानी पहुंच गए।
जगदंबा नगर स्थित कुमाऊं संभाग कार्यालय में 24 घंटे से अधिक बैठक चली। रातभर मंथन के बाद सोमवार सुबह दोनों दावेदारों व उनके समर्थक छात्रनेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश की गई। मौका भांपते हुए टिकट घोषणा से आधा घंटा पहले पदाधिकारियों ने भोटियापड़ाव चौकी से पुलिस भी बुला ली। साढ़े तीन बजे जिला प्रमुख इंद्रजीत सिंह ने जैसे ही कमलेश भट्ट को संगठन के टिकट पर चुनाव लड़ाने का एलान किया, देवेंद्र बिष्ट के समर्थकों ने कार्यालय गेट के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी शुरू कर दी। मौके पर मौजूद पुलिस ने समझाकर देवेंद्र बिष्ट के समर्थकों को वहां से हटाया। इसके बाद भी समर्थक पास में ही घूमते रहे। उन्होंने पदाधिकारियों पर धोखा देने का आरोप भी लगाया।
इधर, दुर्गा सिटी सेंटर की तरफ से आ रहे कमलेश भट्ट के एक समर्थक को देवेंद्र के समर्थकों ने घेर लिया व मारपीट शुरू कर दी। टिकट घोषणा के दौरान क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज निखरा, प्रदेश सह कोषाध्यक्ष बलराम प्रसाद, जिला प्रमुख इंद्रजीत सिंह, विभाग संगठन मंत्री अरुण राही, विभाग संयोजक प्रखर साह, कुलदीप कुल्याल, गौरव कोरंगा आदि मौजूद रहे। लेटर पैड से नाम हटाने का आरोप देवेंद्र बिष्ट के समर्थकों का कहना था कि जब प्रत्याशी के एलान को लेकर लेटर पैड तैयार किया जा रहा था, तब उसमें देवेंद्र बिष्ट का नाम लिखा हुआ था, मगर जिला प्रमुख के एलान के दौरान लाए गए लेटर पैड में देवेंद्र का नाम काटकर कमलेश भट्ट लिख दिया गया। हालांकि, पदाधिकारियों ने बताया कि लेटर पैड में प्रत्याशी के नाम में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
मिठाई किसी और की, खाई किसी और ने
देवेंद्र बिष्ट के समर्थकों को पूरा विश्वास था कि संगठन उन्हीं के पक्ष में एलान करेगा। ऐसे में छात्रनेताओं ने मिठाई व फूलमालाओं का पूरा प्रबंध किया हुआ था, मगर ऐन वक्त पर उम्मीदों पर पानी फिर गया, जो मिठाई देवेंद्र के लिए लाई गई थी, उसे कमलेश को खिलाना पड़ा। हालांकि, कुछ छात्रनेताओं ने फूलमालाएं समय रहते किनारे लगा दीं। संगठन के भरोसे पर खरा उतरूंगा : कमलेश एबीवीपी से अध्यक्ष पद का टिकट मिलने के बाद कमलेश भट्ट ने कहा कि वह संगठन के भरोसे पर खरा उतरेंगे। उनके पिता धर्मानंद भट्ट भीमताल में प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि मां भगवती देवी गृहिणी हैं। टिकट मिलने से गदगद कमलेश ने बताया कि एमएससी कंप्यूटर साइंस, पुस्तकालय में पर्याप्त पुस्तकों की उपलब्धता व सफाई उनका मुख्य मुद्दा रहेगा।
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