देहरादून के एमकेपी कॉलेज में 45 लाख गबन का मामला हाई कोर्ट पहुंचा nainital news
हाई कोर्ट ने देहरादून के प्रसिद्ध एमकेपी कॉलेज मेें 45 लाख गबन के मामले में राज्य सरकार यूजीसी तत्कालीन सचिव जितेंद्र नेगी प्राचार्य डॉ. किरन सूद को नोटिस जारी किया है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने देहरादून के प्रसिद्ध एमकेपी कॉलेज मेें 45 लाख गबन के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, तत्कालीन सचिव जितेंद्र नेगी, प्राचार्य डॉ. किरन सूद को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बेनीवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि विवि अनुदान आयोग द्वारा 2012-13 में कॉलेज की छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए 45 लाख की ग्रांट जारी की गई थी। कॉलेज बुनियादी सुधार के लिए यूजीसी की ग्रांट पर निर्भर रहता है। इसी ग्रांट से कॉलेज में वाईफाई की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन 2012-13 में इस ग्रांट से एप्पल के महंगे उपकरण खरीदे गए। यह उपकरण इसी साल के परीक्षण में नहीं पाए गए। याचिकाकर्ता के अनुसार टेंडर के बजाय केवल कोटेशन के आधार पर बजट की बंदरबांट की गई। एक जगह तो डेट के बाद का कोटेशन लगाया गया, तो किसी जगह बिल से अधिक, कहीं कम भुगतान किया गया। न अधिक वाले ने पैसे की मांग की, न कम वाले पूरा बिल देने की मांग की। राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में भी यह गलत पाया गया और प्राचार्य डॉ. सूद व जितेंद्र नेगी से वसूली की बात की गई। सीएजी ने इस प्रकरण की जांच की तो खरीदारी संदेह के दायरे में पाई गई। इस मामले में 2016-17 में प्राथमिकी भी दर्ज हुई मगर मामले को दबाया जा रहा है। इसी साल जनवरी में शासन के स्थलीय निरीक्षण के दौरान वहां किसी तरह की सुविधा नहीं पाई गई। याचिकाकर्ता ने पूरे मामले की जांच की मांग की है। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद पक्षकारों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
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