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    जमरानी बांध बनने पर डूब क्षेत्र में आएगी 425 परिवारों की 50 हेक्टेयर भूमि nainital news

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 01 Jan 2020 11:00 AM (IST)

    सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले ऊपरी हिस्से के छह गांवों में कुल 925 खाताधारक हैं। इनमें से 104 खाताधारक कॉमन हैं।

    जमरानी बांध बनने पर डूब क्षेत्र में आएगी 425 परिवारों की 50 हेक्टेयर भूमि nainital news

    हल्द्वानी, जेएनएन : जमरानी बांध निर्माण के दौरान डूब क्षेत्र में आने वाले ऊपरी हिस्से के छह गांव व निचले हिस्से के एक गांव का सर्वे प्रशासन व सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम ने पूरा कर लिया है। डूब क्षेत्र में कुल 425 परिवारों की 50 हेक्टेयर भूमि आ रही है। एक जनवरी को डीएम सविन बंसल सिंचाई विभाग व प्रशासन के अफसरों की बैठक लेकर सर्वे की समीक्षा करेंगे।

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    केंद्रीय वित्त मंत्रालय से जमरानी बांध परियोजना की 2584 करोड़ रुपये की डीपीआर को वित्तीय स्वीकृति मिलते ही सिंचाई विभाग व प्रशासन के अफसर दिन-रात शेष कामों को पूरा करने में जुटे हैं। परियोजना के अधीक्षण अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि डूब क्षेत्र के ऊपरी हिस्से के तिलवाड़ी, मरकुडिय़ा/हैड़ाखान, गनराड़, पनियाबोर, उड़वा, पसतोला व निचले हिस्से के भौर्सा गांव का सर्वे पूरा हो गया है। 

    सात गांवों में 941 खाताधारक, भौर्सा में एक भी घर नहीं

    हल्द्वानी : सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले ऊपरी हिस्से के छह गांवों में कुल 925 खाताधारक हैं। इनमें से 104 खाताधारक कॉमन हैं। वहीं भौर्सा गांव में कुल 16 खाताधारक हैं। हालांकि गांव में एक भी परिवार नहीं रहता है।

    डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि

    गांव        भूमि (हेक्टेयर में)

    तिलवाड़ी    4.188

    मरकुडिय़ा/हैड़ाखान 21.561

    गनराड़   9.416

    पनियाबोर  4.225

    उड़वा     3.171

    पसतोला  6.782

    भौर्सा   0.652

    विवाद के कारण दो गांवों का सर्वे छोड़ा

    हल्द्वानी : जमरानी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र के निचले हिस्से में आने वाले दो गांवों का सर्वे विवाद में पड़ गया है। सिंचाई विभाग के अफसरों के मुताबिक ग्रामीण जरूरत के मुताबिक जमीन देने का विरोध कर रहे हैं। वह पूरे गांव की जमीन लेने या पूरी छोडऩे की बात कह रहे हैं। जिस कारण सिंचाई विभाग ने फिलहाल निचले हिस्से के शेष दोनों गांवों का सर्वे छोड़ दिया है।

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