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जिम कॉर्बेट पार्क में अब गैंडे भी नजर आएंगे, तीन साल में चार करोड़ खर्च कर लाए जाएंगे 24 गैंडे

वह दिन अब दूर नहीं जब कॉर्बेट पार्क में बाघ हाथी गुलदार के साथ गैंडे भी घूमते दिखाई देंगे। गैंडों को कॉर्बेट में लाने के लिए चार करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 12:21 PM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 12:59 PM (IST)
जिम कॉर्बेट पार्क में अब गैंडे भी नजर आएंगे, तीन साल में चार करोड़ खर्च कर लाए जाएंगे 24 गैंडे

रामनगर, जेएनएन : वह दिन अब दूर नहीं जब कॉर्बेट पार्क में बाघ, हाथी, गुलदार के साथ गैंडे भी घूमते दिखाई देंगे। गैंडों को कॉर्बेट में लाने के लिए चार करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कॉर्बेट में गैंडे लाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। कॉर्बेट प्रशासन जल्द कवायद शुरू करने जा रहा है।

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गैंडे के अनुकूल है काॅर्बेट का जंगल

कॉर्बेट पार्क में गैंडा, सफेद चीता व शेर लाने की योजना थी। मंगलवार को देहरादून में स्टेट वाइल्ड लाइफ  की बैठक में मुख्यमंत्री ने फिलहाल कॉर्बेट पार्क में गैंडे लाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। गैंडे लाने के लिए कॉर्बेट में लंबे समय से कवायद चल रही थी। यही वजह थी कि भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञों ने कॉर्बेट में इसे लेकर अध्ययन भी किया था। अध्ययन में गैंडों के लिए कॉर्बेट के जंगल अनुकूल बताए गए। जिसके बाद इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए स्टेट वाइल्ड लाइफ  बोर्ड की बैठक में रखा गया। कॉर्बेट के जंगल में गैंडे लाने पर एक और प्रजाति बढ़ जाएगी।

24 गैंडे लाए जाए जाने की है योजना

सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि गैंडों को कॉर्बेट लाने का प्रस्ताव चार करोड़ रुपये का है। करीब 24 गैंडों को यहां लाने की योजना है। निर्णय लिया है कि पहले, दूसरे व तीसरे साल में आठ-आठ गैंडे लाए जाएंगे। पहले फेज में इन्हें प्रायोगिक तौर पर लाया जाएगा। कॉर्बेट के कई हिस्से इनके लिए अनुकूल हैं। भारतीय वन्य जीव संस्थान स्टडी भी कर चुका है। यदि इनके कॉर्बेट में लाने पर सुखद परिणाम आएंगे तो आगे इन्हें लाने की और कवायद की जाएगी।

आसाम व नेपाल से आएंगे गैंडे

गैंडों के लिए आसाम का काजीरंगा नेशनल पार्क मशहूर है। काजीरंगा में एक सिंग वाले गैंडों की संख्या ज्यादा है। जिस वजह से वह पार्क दुनिया में मशहूर है। कॉर्बेट पार्क गैंडों को आसाम या फिर नेपाल के चितवन से भी लाए जाने की योजना है। इन्हें लाने के लिए उत्तराखंड के वनाधिकारी उन राज्यों के वनाधिकारियों से वार्ता कर कार्रवाई करेंगे।

कॉर्बेट में बड़ी हो चुकी घास का गैंडा करेंगे खात्मा

कॉर्बेट पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि गैंडों को लाने का मकसद पर्यटन को बढ़ाना है। पर्यटकों को कॉर्बेट में नई प्रजाति देखने को मिलेगी। इसके अलावा कॉर्बेट में काफी बड़ी घास हो गई है। जिससे छोटी घास नहीं पनप रही है। हिरण प्रजाति के जानवर छोटी घास खाते हैं। गैंडे तेजी से बढ़ती जा रही इन घास को खाएंगे तो हिरन प्रजाति के जानवरों के लिए घास भी पैदा होगी।

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