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    पटरी से 100 मीटर दूरी तक है रेलवे की भूमि

    By Edited By:
    Updated: Fri, 11 Nov 2016 01:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रेल भूमि पर अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट भले सख्त तेवर दिखा चुका हो, लेकि

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रेल भूमि पर अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट भले सख्त तेवर दिखा चुका हो, लेकिन अफसर अभी कागजों में उलझे हैं। मंगलवार को टीम गफूर बस्ती पहुंची थी, मेगर विरोध देखकर बैरंग लौट आई। वहीं, गुरुवार को तहसील में राजस्व विभाग व रेलवे ने अपने भूमि संबंधी रिकार्डो की तस्दीक करने के साथ मिलान किया। इसमें रेलवे की भूमि पटरी से 100 मीटर अंदर तक होने की प्रारंभिक पुष्टि भी हो गई।

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    रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर, आरपीएफ एवं नगर निगम की टीम तहसील पहुंचीं। यहां तहसीलदार डीआर आर्य के साथ संयुक्त रूप से नक्शों का मिलान किया गया। राजस्व विभाग, रेलवे के नक्शे में थोड़ा-बहुत अंतर भी दिखा, जिसे बाद में स्पष्ट कर लिया गया। बैठक में पाया गया कि रेलवे की मुख्य लाइन से गफूर बस्ती की ओर को 50 से 100 मीटर भीतर तक रेलवे की भूमि है। कुछ जगहों पर यह 120 मीटर हो सकती है। तहसीलदार आर्य ने बताया कि दिन भर नक्शों का मिलान ही किया जा सका है। कुछ कार्य अभी शेष हैं, जिसे शुक्रवार को पूरा करा लिया जाएगा। रिपोर्ट एसडीएम के माध्यम से डीएम को भेज दी गई है। वहीं, रेलवे के अधिकारियों ने भी रिपोर्ट मंडल मुख्यालय इज्जतनगर को भेजी। पीआरओ राजेंद्र सिंह के मुताबिक डीआरएम गुरुवार को बाहर रहे। कोर्ट के निर्णय के मद्देनजर जिला प्रशासन से सहयोग लेकर कार्रवाई होगी।

    हाई कोर्ट की सख्ती पर रेलवे अलर्ट

    हल्द्वानी : हाई कोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई में अतिक्रमण के मामले को गंभीरता से लिया। साथ ही तीन सप्ताह का समय रेलवे को देते हुए डीआरएम को सस्पेंड करने की टिप्पणी भी की। ऐसे में अब रेलवे के स्थानीय व मंडल अधिकारियों में भी करंट दौड़ा है। मंडल के सबसे बड़े अधिकारी को कोर्ट की कार्रवाई से बचाने के लिए स्थानीय इंजीनिय¨रग सेक्शन व आरपीएफ के अधिकारी दस्तावेज जुटाने व अग्रिम रणनीति तैयार करने में लगे हैं।