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    ऑनलाइन गेम खेलने की लत ने 12वीं के छात्र को बनाया कर्जदार, उठाया खौफनाक कदम; परिवार तबाह

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 01:31 PM (IST)

    Online Gaming Addiction ऑनलाइन गेम की लत ने 12वीं के छात्र को कर्ज के बोझ तले दबा दिया और उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी । हल्द्वानी के इस छात्र की मौत से परिवार तबाह हो गया है। जानिए कैसे ऑनलाइन गेमिंग की लत युवाओं के लिए खतरा बन रही है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

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    Online Gaming Addiction: गेम के कारण जब वह कर्ज में डूबा तो आत्मघाती कदम उठाया। Concept

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Online Gaming Addiction: ऑनलाइन गेम खेलने से कर्ज में डूबे 12वीं के छात्र ने जहर खा लिया। हालत गंभीर होने पर उसे रुद्रपुर अस्पताल के बाद एसटीएच लाया गया, यहां उसकी मौत हो गई। स्वजन का कहना है कि छात्र को ऑनलाइन गेम की लत लग चुकी थी। गेम के कारण जब वह कर्ज में डूबा तो आत्मघाती कदम उठा लिया। उसकी मौत से स्वजन सदमे में हैं।

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    रुद्रपुर की आदर्श कालोनी में रहने वाला 18 वर्षीय सागर एक साल से रुपये लगाकर ऑनलाइन गेम खेल रहा था। छात्र के चाचा ने बताया कि सालभर पहले स्वजन ने बेटे को ऑनलाइन गेम न खेलने की नसीहत दी थी। इस पर छात्र ने आगे से गेम नहीं खेलने की बात कही, लेकिन उसके गेम खेलने की लत नहीं छूटी।

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    चाचा के अनुसार, भतीजा पिछले कुछ महीने से लगातार तनाव में था। ऑनलाइन गेम के चक्कर में उसके कर्ज में डूबने की बातें कहीं जा रही है। इससे आहत होकर मंगलवार रात सागर ने जहर खा लिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई।

    स्वजन उसे पहले रुद्रपुर के निजी अस्पताल ले गए, जहां से गंभीर हालत में छात्र को डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी रेफर किया गया। बुधवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। छात्र के पिता खोखा चलाते हैं। मां गृहिणी हैं। सागर तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था।

    बच्चों को मोबाइल से दूर रखना संभव नहीं, लेकिन नियंत्रण जरूरी

    जासं, हल्द्वानी : टेक्नोलाजी के दौर में बच्चों को मोबाइल और कंप्यूटर से दूर रखना संभव नहीं है। पढ़ाई की बातों तक मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल तक तो ठीक है, लेकिन समस्या तब होती है, जब बच्चों को छोटी उम्र में ऑनलाइन गेम की बुरी लत लग जाती है। इन ऑनलाइन गेम खेलने के कई साइड इफेक्ट होते हैं।

    गेम खेलने से डिप्रेशन में जा रहे बच्चे

    एसटीएच के मनोविज्ञानी डा. युवराज पंत के अनुसार, छोटे बच्चों में डिजिटल की बुरी लत बढ़ती जा रही हैं। ऑनलाइन गेम खेलने के कारण बच्चों की आंखों की रोशनी कम होना आम बात है। वहीं, मोटापा, डिप्रेशन व एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। चिड़चिड़े हो रहे हैं और छोटी-छोटी बातों पर उग्र हो जाते हैं। इन समस्याओं को बच्चों को बचाना बहुत जरूरी है।

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    बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए ये करें

    • यदि बच्चा बहुत अधिक देर तक ऑनलाइन गेम खेलता है तो अभिभावक बच्चे को इसके नुकसान के बारे में बताएं।
    • पहले तो बच्चे को मोबाइल से दूर रखें। यदि नहीं मान रहा तो ऑनलाइन गेम खेलने की समय-सीमा तय करें।
    • अगर आप बच्चे के साथ समय बिता रहे हैं तो वह ऑनलाइन गेम खेलना कम या बंद कर सकता है।
    • बच्चा हर बार मोबाइल मांग रहा है तो उसे घुमाने के लिए आसपास के पार्कों में ले जाएं, जहां वह खेल में लग सकता है।