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    Haridwar News: योगगुरु बाबा रामदेव का दावा, कहा- प्राणायाम से दूर हो सकता है मस्तिष्क का कैंसर

    By Manish kumarEdited By: Sunil Negi
    Updated: Mon, 05 Sep 2022 09:44 PM (IST)

    Haridwar News योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि प्राणायाम से मस्तिष्क का कैंसर दूर हो सकता है। उन्‍होंने यह बात पतंजलि विवि में आयुर्वेद में उपलब्ध कैंसर ...और पढ़ें

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    पतंजलि के मुख्य ऑडिटोरियम में कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते योगगुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण आदि। साभार पतंजलि

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार: योगगुरु बाबा रामदेव (Yoga Guru Baba Ramdev) ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पतंजलि स्वास्थ्य और शिक्षा की आजादी में अपनी आहुति दे रहा है। कैंसर सेल सभी के शरीर में पाए जाते हैं, जो कि हजारों-लाखों की संख्या में बनते हैं। शरीर में आक्सीजन की सही से आपूर्ति न होने, अस्वस्थ जीवनशैली के कारण यह रोग होते हैं। आज कैंसर की चिकित्सा में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी या आपरेशन किए जाते हैं। यह सब कैंसर का स्थायी निदान नहीं है।

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    पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित हुई कार्यशाला

    सेंटर आफ एक्सीलेंस, पतंजलि आयुर्वेद हास्पिटल, पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और पतंजलि विश्वविद्यालय की ओर से मुख्य आडिटोरियम में आयुर्वेद में उपलब्ध कैंसर के उपचार को वैज्ञानिक प्रतिमान विषय पर आयोजित कार्यशाला में योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि केवल एक तौर तरीके से कैंसर को हटाया नहीं जा सकता, इसलिए सभी को योग के अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। आज मात्र प्राणायाम से मस्तिष्क के कैंसर को दूर किया जा सकता है।

    हम एलोपैथी का करते हैं सम्मान

    योगगुरु ने कहा कि वह कीमो व अन्य प्रकार के उपचार का विरोध नहीं करते, लेकिन आयुर्वेद के विज्ञान को भी समझना चाहिए। हम एलोपैथी का सम्मान करते हैं क्योंकि उससे भी रोगियों की जान को बचाया जा सकता है लेकिन आयुर्वेद ने भी अब जीवनरक्षक औषधि पर काम करना शुरू कर दिया है। बताया कि आयुष मंत्रालय की ओर से पतंजलि आयुर्वेद हास्पिटल को सेंटर आफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है।

    योग ही संपूर्ण चिकित्सा विज्ञान

    आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योग ही संपूर्ण चिकित्सा विज्ञान है। योगगुरु हजारों परीक्षा से गुजरने के बाद योग का पर्याय बनकर उभरे हैं। आज पीएम मोदी ने योग व आयुर्वेद को जिस तरह वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है, उससे वह दिन दूर नहीं जब डब्ल्यूएचओ का केंद्र भारत में खुल जाएगा।

    विश्व कर रहा आयुर्वेद को स्वीकार 

    आज वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की स्वीकार्यता अभिनंदन के योग्य है। विश्व तो आयुर्वेद को स्वीकार कर रहा है, लेकिन देश में कुछ संगठन हैं जो आयुर्वेद के विरुद्ध रोज नए-नए षड्यंत्र रचते रहते हैं। पतंजलि के सभी उत्पाद सभी पैरामीटर पर खरे उतरकर षड़यंत्रकारियों को जवाब देते रहेंगे।

    मुख्य अतिथि प्रोफेसर भूषण पटवर्धन ने कहा कि आज की पीढ़ी लगातार पाश्चात्य ज्ञान को श्रेष्ठ मानती है। आज माडर्न चिकित्सा कैंसर का स्थायी निदान नहीं खोज पाई। इसके अलावा वह अन्य बीमारियों का भी कोई स्थायी समाधान नहीं समझा पायी है लेकिन योग व प्राणायाम से आयुर्वेद जड़ी-बूटियों ने कोरोना को हराया है, जिसे विश्व ने स्वीकार भी किया है।

    संचालन डा. वेदप्रिया आर्य ने किया। इस मौके पर डा. अशोक शर्मा, डा. पार्थ राय, डा. मेहदी हयात शाही आदि मौजूद रहे।