Rain in Uttarakhand: हरिद्वार में नदी में फंसी यूपी रोडवेज की बस, गले-गले आई 70 सवारियों की जान
Rain in Uttarakhand शनिवार को हरिद्वार के लालढांग में कोटा वाली नदी ऊफान पर आ गई। इस दौरान उत्तर प्रदेश परिवहन की सवारियों से भरी बस नदी के बीच फंस गई। वहीं हरिद्वार में सुबह से ही वर्षा हो रही है। सुबह कुछ देर को तेज वर्षा हुई उसके बाद धीमी परंतु लगातार वर्षा हो रही है। इसके चलते स्थानीय लोग जल भराव की आशंका से डर गए हैं।
टीम जागरण, हरिद्वार: Rain in Uttarakhad: उत्तर प्रदेश के रुपईडीहा से हरिद्वार आ रही 70 यात्रियों से भरी उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की रुपईडीहा डिपो की बस लालढांग में बरसाती नदी कोटावाली के रपटे में तेज बहाव में फंस गई। इससे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
राहगीरों की सूचना पर पहुंची उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस ने क्रेन व जेसीबी की सहायता से बस में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। वर्षाकाल में कोटावाली रपटे पर अत्याधिक पानी आने पर यातायात बंद रहता है और दोनों ओर वाहनों की आवाजाही रोकने को पुलिस तैनात रहती है। ऐसे में उफान में चालक बस लेकर यहां तक कैसे पहुंचा, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
प्रात: करीब आठ बजे हुई इस घटना में यात्रियों और बस को करीब सवा ग्यारह बजे करीब सवा तीन घंटे बाद तेज बहाव से बाहर निकाला जा सका। शनिवार सुबह रुपईडीहा डिपो की बस सवारी लेकर हरिद्वार की ओर आ रही थी, जैसे ही बस लालढांग में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित बरसाती नदी कोटावाली पर पहुंची।
वर्षा के बीच नदी के तेज बहाव की अनदेखी करते हुए बस चालक ने यात्रियों से भरी बस को नदी के बीच बने रपटे से निकालने का प्रयास किया। लेकिन, बस पानी के तेज बहाव में फंस गई और बहने लगी। इससे बस यात्रियों में कोहराम मच गया, चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
उत्तर प्रदेश बिजनौर जिले के मंडावली थाना पुलिस और उत्तराखंड श्यामपुर थाने के उपनिरीक्षक विनय मोहन द्विवेदी तत्काल मौके पर पहुंचे। बस नदी के तेज बहाव में ना बहे, इसके लिए बस को जेसीबी की मदद से बांधा गया। इसके बाद दोनों जिले की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दूसरी जेसीबी की सहायता से बस में बैठी सवारियों को एक-एक कर बस से निकाल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालने के बाद क्रेन से बस को भी बाहर निकाला गया।
मौके पर मौजूद राहगीरों ने बताया कि नदी के तेज बहाव को देखने के बावजूद बस चालक कुछ यात्रियों के मना करने पर भी जबरन बस को नदी में ले गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के समय बस में 70 के करीब सवारी थी, जबकि मंडावली थानाध्यक्ष रवींद्र कुमार का दावा है कि बस में 40 सवारी मौजूद थी और सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया।
पर, वह इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दे सके कि वर्षाकाल में जब बिजनौर जिला प्रशासन का आदेश रहता है कि इस समय बड़े और भारी वाहनों विशेष कर सवारी वाहनों को कोटावाली नदी की ओर ना जाने दिया जाए तो फिर यात्रियों से भरी उत्तर प्रदेश परिवहन की बस मंडावली चौकी के सामने से होते हुए कोटावाली नदी तक कैसे पहुंची और वर्षा के बीच तेज बहाव में नदी के रपटे से कैसे उसे जाने दिया गया।
पुल के क्षतिग्रस्त होने पर नदी के बीच बनाया गया है रपटा
उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश सीमा पर कोटावाली नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने पर भारी और बड़े वाहनों की आवाजाही को वर्ष 2015 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। तब से पुल पर दोपहिया और हल्के चारपहिया वाहनों के ही आने-जाने की अनुमति है।
बड़े और भारी वाहनों के आने-जाने के लिए पुल के नीचे नदी में अस्थायी रपटा बनाया गया है। शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की रुपईडीहा डिपो की इसी रपटे से गुजर रही थी। बड़ा सवाल यह कि वर्षाकाल के समय दोनों ओर से इस रपटे पर से यातायात की मनाही है।
निगरानी के लिए पुल के एक ओर उत्तराखंड व दूसरी छोर पर उत्तरप्रदेश पुलिस रहती है। बावजूद उत्तर प्रदेश की ओर से बस को तेज बहाव में जाने की अनुमति कैसे दे दी गई। बाद में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू कर जेसीबी की मदद से बस में सवार सभी 70 यात्रियों को सुरक्षित निकाल बस को क्रेन की सहायता से नदी से बाहर निकाला, तब जाकर सभी ने संतोष की सांस ली।
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