हरिद्वार में कुख्यात के नाम पर वसूली के आरोप में दो बंदी रक्षक गिरफ्तार
दो बंदी रक्षकों को पुलिस ने चौथ वसूली के आरोप गिरफ्तार किया है। आरोप है कि जेल बंद एक कुख्यात के नाम पर ये दोनों एक डेयरी मालिक से पैसे मांग रहे थे।
रुड़की, जेएनएन। रुड़की उप कारागार के दो बंदी रक्षकों को पुलिस ने चौथ वसूली के आरोप गिरफ्तार किया है। आरोप है कि जेल बंद एक कुख्यात के नाम पर ये दोनों एक डेयरी मालिक से पैसे मांग रहे थे। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस अधीक्षक (देहात) स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि रुड़की के लालकुर्ती निवासी गुलनवाज की डेयरी और मोबाइल की दुकान है। गुलनवाज ने पुलिस को बताया कि मंगलवार को रुड़की उप कारागार में तैनात बंदी रक्षक नितिन नागर (निवासी रायसी लक्सर, जिला हरिद्वार) और सतेंद्र निवासी (सोहलपुर कलियर, जिला हरिद्वार) उनके पास आए और कहा कि साबिर ने खर्चा मंगवाया है। उप कारागार में बंद साबिर हरिद्वार के उपनगर ज्वालापुर का रहने वाला है और कुख्यात प्रवीण वाल्मीकी के गिरोह से जुड़ा है।
पिछले साल साबिर ने रुड़की उप कारागार में तैनात बंदी रक्षक परमेश चौहान पर आजादनगर चौक के पास हमला करवा दिया था। एसपी ने बताया कि गुलनवाज ने पुलिस को बताया इन दोनों बंदी रक्षकों ने पहले भी उनसे चौथ मांगी थी। पुलिस ने गुलनवाज की तहरीर पर बंदी रक्षक नितिन नागर और सतेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी देहात ने बताया कि दोनों को देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी बता दिया है।
तो परमेश चौहान को हटाने की तो नहीं थी साजिश
पिछले साल बंदी रक्षक परमेश चौहान ने जेल में सख्ती की थी। उसकी ड्यूटी के दौरान कुख्यात सिर नहीं उठाते थे। इस पर कुख्यात साबिर ने उस पर उस समय हमला कराया था, जब वह रुड़की उप कारागार के समीप आजादनगर चौक पर कुछ सामान लेने आया था। सरे शाम हुई इस घटना से तब शहर में दहशत हो गई थी।
फिर चर्चाओं में रुड़की उप कारागार
रुड़की उप कारागार एक बार फिर चर्चाओं में है। इससे पहले कुख्यात सुनील राठी से संबंध रखने पर रुड़की जेल का जेलर बर्खाश्त हो चुका है। रुड़की में जेलर की हत्या तक हो चुकी है। रुड़की उप कारागार पूरे प्रदेश में बदनाम है। 31 मई 2005 को रुड़की जेल से पांच कुख्यात फरार हो गए थे। तब पूरे प्रदेश में इस तरह से जेल से भागने का यह पहला मामला था। इसके बाद रुड़की जेल से कुख्यातों के चौथ मांगने के मामले लगातार आते रहे। पांच अगस्त 2014 को रुड़की उप कारागार में कुख्यात सुनील राठी व चीनू पंडित के बीच गैंगवार हुई। इस गैंगवार में चीनू के तीन साथियों की मौत हुई थी। जबकि सात लोग घायल हो गए थे।
यह मामला तब काफी चर्चाओं में रहा। कुख्यात सुनील राठी से संबंधों के चलते तत्कालीन जेलर राकेश वर्मा को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसको बर्खाश्त कर लिया था। इससे पहले रुड़की जेल के तत्कालीन जेलर नरेन्द्र खंपा की कार के नीचे बम रखकर मारने की साजिश रची गई। नाकाम रहने के बाद जेलर नरेन्द्र खंपा की उस समय जेल के गेट पर हत्या कर दी गई थी, जब वह बच्चे को जेल के गेट पर ही स्कूल बस में बैठाकर लौट रहे थे। तब बदमाशों ने उन्हें गोलियों से भून दिया था। खाकी और कुख्यातों के गठजोड़ के लिए बदनाम रुड़की उप कारागार के दो बंदी रक्षकों के चौथ मांगने के बाद से रुड़की जेल फिर से चर्चाओं में है।
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रुडकी उप कारागार में बंद साबिर चमोली की पुरसाड़ी जेल में बंद कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि का गुर्गा है। साबिर पर करीब छह से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। साबिर ने वाल्मीकि के कहने पर पिछले साल सुनहरा रोड निवासी उप्र में परिचालक से रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर साबिर ने सुनहरा रोड स्थित आवास की खिड़की से सुभाष पर गोली चलवाई थी । परिचालक की बहन रेखा से भी रंगदारी मांगने में सहयोग किया था।
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