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उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर अपराध, एक गलती बना सकती है इसका शिकार

उत्तराखंड में साइबर क्राइम के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। साथ ही प्रति लाख जनसंख्या के हिसाब से देशभर में हमारा स्थान 14वां है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 04:41 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 04:41 PM (IST)
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर अपराध, एक गलती बना सकती है इसका शिकार
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर अपराध, एक गलती बना सकती है इसका शिकार

देहरादून, सुमन सेमवाल। साइबर की दुनिया जितनी मनोरंजक है, इसका तिलिस्म उतना ही खतरनाक। जाने-अनजाने हमारी एक गलती हमें साइबर क्राइम का शिकार बना सकती है। हमारे लिए चिंता की बात इसलिए भी अधिक है कि उत्तराखंड में साइबर क्राइम के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। साथ ही प्रति लाख जनसंख्या के हिसाब से देशभर में हमारा स्थान 14वां है, जबकि 22 राज्य हमसे बेहतर स्थिति में हैं। साइबर क्राइम की यह तस्वीर नेशनल क्राइम रिकॉड्र्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में सामने आई। 

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वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2018 के बीच साइबर क्राइम में ढाई गुना से अधिक का इजाफा पाया गया है। कंप्यूटर से संबंधित अपराध के मामले सर्वाधिक पाए गए हैं। इसके अलावा एटीएम, ऑनलाइन धोखाधड़ी, यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग, निजता का हनन, पोर्नोग्राफी आदि से संबंधित अपराध भी इसका हिस्सा बने हैं। जो राज्य हमसे बेहतर स्थिति में हैं, उनमें पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर भी शामिल हैं। 

उत्तराखंड में साइबर क्राइम 

वर्ष, संख्या 

2016, 62 

2017, 124 

2018, 171 

साइबर क्राइम के प्रमुख प्रकरण (वर्ष 2018 में पंजीकृत) 

कंप्यूटर आधारित, 102 

ऑनलाइन ठगी, 12 

एटीएम संबंधी, 11 

साइबर बुलिंग, 09 

यौन अपराध, 08 

ओटीपी संबंधी, 05 

बाल यौन अपराध, 03 

साइबर क्राइम का कारण 

धोखाधड़ी की नीयत से, 46 

गुस्से में आकर, 41 

शरारत के लिए, 22 

उगाही के लिए, 16 

यौन उत्पीड़न, 13 

बदनाम करने के लिए, 12 

सूचना चुराने के लिए, 05 

बदले की भावना से, 03 

अन्य कारण से, 13 

आर्थिक अपराध में दसवें स्थान पर उत्तराखंड 

आर्थिक अपराध के मामले उत्तराखंड में सिर्फ निरंतर बढ़ रहे हैं, बल्कि प्रति लाख जनसंख्या के हिसाब से हमारा 10वां स्थान भी है। यानी कि 26 राज्य हमसे बेहतर स्थिति में हैं। आर्थिक अपराध में सर्वाधिक 1337 प्रकरण धोखाधड़ी के सामने आए हैं। इसके बाद विश्वासघात आदि संबंधी के सर्वाधिक 116 मामले सामने आए। 

आर्थिक अपराध की स्थिति 

वर्ष, संख्या 

2016, 1289 

2017,  1122 

2018, 1528 

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विजिलेंस ने किए 11 ट्रैप 

वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार में 17 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले 2017 में यह संख्या 13 थी और 2016 में 28 मामले दर्ज किए गए थे। इन प्रकरणों में 11 विजिलेंस के ट्रैप हैं। हालांकि, पिछले साल से जो मामले लंबित चल रहे हैं, उनकी संख्या 11 है। सिर्फ दो मामलों में ही पुलिस अपनी कार्रवाई पूरी कर सकी। 

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