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    Haridwar Crime News: ब्लैकमेलिंग में हुई थी सोनम की हत्या, बदायूं के दो आरोपित गिरफ्तार

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 24 Sep 2021 01:09 PM (IST)

    हरिद्वार में हुई सोनम हत्‍याकांड के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को उत्‍तर प्रदेश के बदायूं से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपितों ने सोनम की चुन्नी से उसका गला घोंट कर हत्या कर दी और शव बोरे में भरकर नाले में फेंक दिया था।

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    हरिद्वार के सिडकुल के सोनम हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है।

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। सिडकुल क्षेत्र में महिला की हत्या के बाद शव बोरे में भरकर नाले में फेंकने की गुत्थी को पुलिस व एसओजी ने आखिरकार सुलझा लिया है। छानबीन में सामने आया कि सोनम जिस्मफरोशी करती थी और ब्लैकमेल करने पर बदायूं उत्तर प्रदेश निवासी दो फैक्ट्री कर्मचारियों ने उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए सोनम का मोबाइल और शव ठिकाने लगाने में इस्तेमाल की गई बाइक भी बरामद कर ली है। जिला पुलिस मुख्यालय पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश किया।

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    सिडकुल क्षेत्र की रामनगर कालोनी में बीते 14 सितंबर को नाले की सफाई के दौरान बोरे में महिला का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। प्रथम दृष्टया गला दबाकर हत्या करने के बाद शव फेंकने की आशंका जताई गई थी। अगले दिन महिला की शिनाख्त बुग्गावाला के रसूलपुर टोंगिया गांव निवासी सोनम के रूप में हुई थी। अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच उपनिरीक्षक निशा सिंह को दी गई। एसएसपी ने हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष लखपत सिंह बुटोला और एसओजी प्रभारी रणजीत तोमर के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया था।

    एएसपी सदर डा. विशाखा अशोक की निगरानी में पुलिस टीमों ने हर एंगल से जांच की। पता चला कि सोनम की तीन शादियां हो चुकी हैं और वर्तमान पति कई महीनों से एनडीपीएस के मामले में पंजाब की एक जेल में बंद है। पुलिस ने उसके पहले दोनों पति, कुछ अन्य रिश्तेदारों और सिडकुल की फैक्ट्रियों में लेबर सप्लाई करने वाले ठेकेदारों से पूछताछ की। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और मोबाइल काल डिटेल खंगालने के बाद आखिरकार पुलिस सोनम के हत्यारों तक पहुंच गई। शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने पुलिस कार्यालय में प्रेस वार्ता कर बताया कि सोनम देह व्यापार करती थी।

    बदायूं उत्तर प्रदेश निवासी फैक्ट्री कर्मचारी चुन्नी लाल उर्फ रिंकू और राहुल शर्मा घटना से पहली रात सोनम को अपने कमरे पर सिद्धि विनायक कालोनी ले गए थे। उसी दौरान चुन्नीलाल और राहुल के पैसे गुम हो गए और उन्होंने सोनम पर चोरी का आरोप लगाया। सोनम ने इससे इन्कार किया और ब्लैकमेल करते हुए कहा कि वह शोर मचा कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा देगी। बेइज्जती के डर से राहुल और चुन्नीलाल ने मिलकर सोनम की चुन्नी से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी और रात के समय बोरे में उसकी लाश भरकर नाले में फेंक दिया था। प्रेस वार्ता में एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एएसपी डा. विशाखा अशोक, ज्वालापुर सीओ रेखा यादव और सिडकुल एसएचओ प्रमोद उनियाल भी मौजूद रहे।

    सीसीटीवी कैमरे से जुड़ी कड़ियां पुलिस ने रामनगर कालोनी के अलावा आसपास के क्षेत्र में 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। डेंसो चौक से आगे कृष्णा विहार कालोनी की गली में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में सोनम दिन के समय एक लड़के के साथ कमरे में जाती दिखाई दी और रात में इसी कैमरे की फुटेज में दो लड़के एक बाइक पर सफेद कट्टे में कुछ लेकर जाते दिखाई दिए। इस बारे में पुलिस और एसओजी ने मकान मालिकों और मुखबिरों के माध्यम से आसपास के इलाके में जानकारी जुटाई तो कड़ी से कड़ी जुड़ती चली गई।

    बुटोला ने जाते-जाते किया क्लीन स्वीप

    सिडकुल के तत्कालीन थानाध्यक्ष लखपत बुटोला का टिहरी ट्रांसफर हो चुका था। इसके बावजूद बुटोला ने एक सप्ताह के भीतर हुई दोनों बड़ी घटनाओं का पर्दाफाश करने में पूरी जान लगा दी। इसके साथ ही एसएसपी ने उन्हें टिहरी के लिए रिलीव भी कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने प्रेस वार्ता में उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि मनी ट्रांसफर सेंटर के संचालक स्वज पाल को गोली मारकर नकदी लूटने और सोनम हत्याकांड के पर्दाफाश में लखपत बुटोला की अहम भूमिका रही है और उन्होंने जनपद से जाते-जाते दोनों बड़ी घटनाओं को वर्कआउट किया है।

    पुलिस को मिला ढाई हजार का इनाम

    सोनम हत्याकांड के पर्दाफाश को लेकर एसएसपी ने टीम को ढाई हजार रुपये इनाम दिया है। टीम में तत्कालीन थानाध्यक्ष लखपत बुटोला, एसओजी प्रभारी रणजीत सिंह तोमर, उपनिरीक्षक अर्जुन सिंह, उपनिरीक्षक सोहन सिंह, कांस्टेबल गोपी, वीरेश, नरेंद्र राणा, अरुण, करम सिंह, संदीप, प्रदीप कुमार, तनवीर अली, एसओजी सिपाही पदम, विवेक यादव, हरवीर, हेड कांस्टेबल संदूर सिंह, कांस्टेबल वसीम, विवेक, आजम, उमेश कुमार, पदम व नरेंद्र शामिल रहे।

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