टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की दो टूक, 'भारत के सौहार्द के खिलाफ है ऐसी सोच'
टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद निर्माण के एलान पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बाबर एक आक्रमणक ...और पढ़ें

ज्योतिष पीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती । जागरण
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद के निर्माण संबंधी घोषणा पर ज्योतिष पीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास में बाबर एक आक्रमणकारी के रूप में जाना जाता है, जिसने देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर गंभीर आघात पहुँचाए थे। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति स्वयं को बाबर से जोड़कर प्रस्तुत करता है, तो वह भी उसी विचारधारा का समर्थक माना जाएगा और उसके प्रति व्यवहार भी उसी मापदंड पर आधारित होगा।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्पष्ट किया कि मस्जिद निर्माण का विरोध उनका उद्देश्य नहीं है, किन्तु यदि किसी धार्मिक स्थल का नाम बाबर के नाम पर रखने का प्रयास किया जाता है, तो यह स्वाभाविक रूप से व्यापक सामाजिक प्रतिक्रिया को जन्म देगा। उन्होंने कहा कि भारत में आज भी यदि कोई बाबर की विचारधारा को महिमामंडित करने का प्रयास करता है, तो उसके प्रति जनता का व्यवहार उसी ऐतिहासिक स्मृति से संचालित होगा।
उन्होंने कहा कि इतिहास में कई मंदिरों को राजनीतिक शक्ति और दबदबे के कारण ध्वस्त किया गया, न कि धार्मिक सिद्धांतों के आधार पर। इस्लाम भी किसी धार्मिक स्थल को तोड़कर अपने स्थल के निर्माण को उचित नहीं ठहराता। इसलिए आज आवश्यकता है कि मुस्लिम समाज अपने धार्मिक सिद्धांतों के अनुरूप विचार करे और यह समझे कि वर्तमान समय की सामाजिक परिस्थितियाँ, मध्यकालीन राजनीतिक परिस्थितियों से बिल्कुल भिन्न हैं।
स्वामी ने कहा कि राष्ट्रहित में ऐसी किसी भी सोच का विरोध अनिवार्य है, जो आक्रांताओं या उनके कृत्यों को गौरवपूर्ण रूप में प्रस्तुत करती हो, क्योंकि ऐसे दृष्टिकोण आधुनिक भारत के सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय गौरव के अनुरूप नहीं हैं।

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