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प्रशासन ने हटाए कब्जे, शांतिभंग के आरोप में पार्षद समेत तीन गिरफ्तार

सरकारी भूमि पर कब्जों को हटान गर्इ प्रशासन की टीम ने शांतिभंग के आरोप में पार्षद समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 07:44 PM (IST)
प्रशासन ने हटाए कब्जे, शांतिभंग के आरोप में पार्षद समेत तीन गिरफ्तार
प्रशासन ने हटाए कब्जे, शांतिभंग के आरोप में पार्षद समेत तीन गिरफ्तार

कोटद्वार, जेएनएन। कोटद्वार नगर निगम के वार्ड संख्या छह में सरकारी भूमि पर चल रहे कब्जों को हटाने के लिए प्रशासन पूरे दल-बल के साथ मौके पर पहुंचा और कब्जे हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान वार्डवासियों को भड़काने के आरोप में नवनिर्वाचित पार्षद समेत तीन लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया। हालांकि, एसडीएम कोर्ट से तीनों को निजी मुचलकों पर छोड़ दिया गया। पार्षद को हिरासत में लिए जाने के बाद वार्डवासियों ने कोतवाली में हंगामा काटा।

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कोटद्वार नगर निगम में काशीरामपुर तल्ला स्थित वार्ड संख्या छह में पिछले कुछ दिन से सरकारी भूमि पर कब्जे करने के प्रयास हो रहे हैं। शुक्रवार को प्रशासन ने कब्जा कर बनाई गई कुछ झोपड़ियों को तोड़ा भी, लेकिन रातों-रात पुन: झोपड़ियां बन गई। जहां एक ओर प्रशासन के पास वार्ड संख्या छह में लगातार अवैध कब्जों की शिकायत बढ़ती जा रही थी, वहीं दूसरी ओर वार्डवासियों ने स्वयं ही अतिक्रमण का विरोध शुरू कर दिया। जिस कारण हालात तनावपूर्ण हो गए।

सोमवार दोपहर एसडीएम कमलेश मेहता मौके पर पहुंचे और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। जिसका कब्जाधारकों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस मौके से नवनिर्वाचित पार्षद सूरज प्रसाद कांति के साथ ही राजेश सेमवाल व पंकज कोटियाल को कोतवाली में ले गई और उनके खिलाफ शांति भंग की धारा में मामला दर्ज तीनों को गिरफ्तार कर दिया। इससे पूर्व वार्डवासियों ने तीनों को रिहा करने की मांग को लेकर कोतवाली में प्रदर्शन भी किया।

आमरण अनशन की दी चेतावनी

एसडीएम कोर्ट से रिहा होने के बाद सूरज प्रसाद कांति, राजेश नौटियाल व पंकज कोटियाल ने एसडीएम व पुलिस पर मानसिक व शारीरिक उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि काशीरामपुर तल्ला में 14 बीघा भूमि पर आवंटित हुए पट्टों पर आज तक कोई वसागत नहीं है, लेकिन प्रशासन की मिलीभगत से इस भूमि पर कब्जा दिखाकर पट्टों को नियमित करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से जनता की आवाज को उठाया जा रहा था, लेकिन पुलिस व प्रशासन ने बल प्रयोग कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया। इनके के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर वे मंगलवार से अनशन व फिर आमरण अनशन शुरू करेंगे।

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