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    सामने आई दिल्ली-देहरादून हाईवे पर हो रहे हादसों की वजह, ये फ्लाईओवर बन रहा काल

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 04:12 PM (IST)

    दिल्ली-देहरादून हाईवे पर प्रेमनगर फ्लाईओवर के निर्माण में तकनीकी खामियों के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। फ्लाईओवर पर अचानक घुमाव होने से चालक नियंत्र ...और पढ़ें

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    हादसे के बाद हाइवे पर पलटी कार और राहगीरों की भीड़। जागरण

    मेहताब आलम, हरिद्वार। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर हादसों के पीछे सिर्फ तेज रफ्तार ही एक मात्र कारण नहीं है, निर्माण से जुड़ी तकनीकी खामियां भी राहगीरों की जान पर भारी पड़ रही है। खासतौर पर प्रेमनगर फ्लाईओवर पर एक बड़ी तकनीकी खामी लगातार हादसों को जन्म दे रही है।

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    देहरादून की ओर से आने पर फ्लाईओवर शुरू होते ही 25 मीटर आगे अचानक ही आठ फिट का घुमाव आ रहा है। बोटल नेक बनने पर चालक अचानक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख पाते। रफ्तार थोड़ी भी ज्यादा हो तो हादसा होना तय है। बुधवार रात हुए हादसे में भी यही कारण प्रमुख माना जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि फ्लाईओवर पर यह खामी कोई भी आम व्यक्ति नजर डालते ही पकड़ सकता है, फिर एनएचएआई के विशेषज्ञ इसे क्यों नहीं पकड़ सके। लगातार हादसों के बावजूद इसे सुधारने की दिशा में अभी तक क्यों पहल नहीं की गई।

    दिल्ली-देहरादून हाईवे के फोरलेन में परिवर्तित होने से यातायात बेशक सुचारू हुआ है। खासतौर पर चारधाम यात्रा सीजन और कांवड़ मेले जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में इसका लाभ मिल रहा है। लेकिन इसका एक दूसरा और चिंताजनक पहलू यात्रियों की जान खतरे में डाल रहा है। मार्ग की चौड़ाई बढ़ने से युवा अक्सर तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाकर हादसे का शिकार बन रहे हैं। जबकि कई जगहों पर तकनीकी खामियों से हादसों की संख्या बढ़ रही है। इनमें प्रेमनगर फ्लाईओवर भी लगातार हादसों के कारण ब्लैक स्पॉट बन रहा है। पुलिस के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। बुधवार देर रात हादसे में कार चला रहे युवक और मजदूरों की मौत ने एक बार फिर फ्लाईओवर की इंजीनियरिंग को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

    मौके की पड़ताल करने पर पता चलता है कि देहरादून से हरिद्वार की ओर आने पर फ्लाईओवर के 25 मीटर के दायरे में मार्ग अचानक ही आठ फीट अंदर मुड जा रहा है। जिससे हाईवे अचानक बॉटल नेक हो जाता है तो चालक अचानक ब्रेक लगाता है तो दुर्घटना होनी तय है। माना जा रहा है कि इसी कारण फ्लाईओवर पर लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। मगर विडंबना यह है कि एनएचएआई के विशेषज्ञों ने निर्माण के समय तो दूर, लगातार हादसों के बाद भी अभी तक इसे दूर करने का प्रयास नहीं किया। सवाल यह है कि राहगीर आखिर कब तक इस लापरवाही की भेंट चढ़ते रहेंगे।

    सयुंक्त टीम ने किया फ्लाईओवर का निरीक्षण

    हरिद्वार: हादसे के बाद गुरुवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर पुलिस, प्रशासन और परिवहन विभाग की सयुंक्त टीम ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसपी सिटी अभय प्रतप सिंह, एआरटी प्रशाासन व प्रवर्तन निखिल शर्मा और नेहा झा, सीओ सिटी शिशुपाल नेगी, एसएसआई कनखल सतेंद्र भंडारी की टीम ने देखा कि हादसा क्यों हुआ होगा। क्या मरम्मत कार्य में लापरवाही बरती जा रही थी या सिर्फ वाहन चालक की गलती रही होगी। मौके पर पाया गया कि व्हाइट पट्टी भी सही जगह नहीं बनाई गई है। इनके अलावा कई अन्य कमियां भी सामने आई। इस संबंध में एनएचएआई अधिकारियों को अवगत कराते हुए दुरुस्त कराने की बात भी हुई। देखने वाली बात यह है कि एनएचएआई इस पर कितना अमल करता है।