ढाबों पर भगवा ध्वज लगाने की मुहिम पर विवाद, उत्तराखंड बॉर्डर पर रोके गए स्वामी यशवीर
मुजफ्फरनगर के योग साधना आश्रम के संचालक स्वामी यशवीर महाराज को उत्तराखंड पुलिस ने नारसन बॉर्डर पर रोक दिया। वह जटवाड़ा पुल के आसपास ढाबों पर भगवान वराह की फोटो और भगवा ध्वज लगाने आ रहे थे। उन्होंने कहा कि पहचान छिपाकर कारोबार करना ठीक नहीं। स्वामी यशवीर ने मुजफ्फरनगर में एक पंडित ढाबे का पर्दाफाश किया था जहाँ मालिक मुस्लिम था और कर्मचारियों के नाम भी बदले हुए थे।

जासं, रुड़की । एक सप्ताह से मुजफ्फरनगर में चर्चाओं में आए योग साधना आश्रम के संचालक यशवीर महाराज को उत्तराखंड पुलिस ने बार्डर पर ही रोक दिया। वह ज्वालापुर के जटवाडा पुल के आसपास के ढाबों पर भगवान वराह की फोटो एवं भगवा ध्वज लगाने के लिए आ रहे थे।
उन्होंने कहा कि कारोबार करने में पहचान छिपाना ठीक नहीं है। सही पहचान को स्पष्ट करते हुए खाना परोसे कौन मना कर रहा हैं लेकिन देवी-देवताओं के नाम पर होटल खोलकर एवं छद्म नाम से कर्मचारियों को रखने के मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
योग साधना आश्रम के संचालक स्वामी यशवीर सिंह इन दिनों चर्चाओं में है। उन्होंने मुजफ्फरनगर में एक पंडित डाबे का फंडाफोड करते हुए पाया कि इसका मालिक मुस्लिम हैं और पंडित के नाम से ढाबा चला रहा है। कर्मचारियों के भी नाम बदले हुए थे। इसके बाद से उन्होंने ऐलान किया था कि हरिद्वार से लेकर कांवड़ यात्रा मार्ग पर जितने भी होटल, ढाबे आदि हैं वहां पर वह भगवान वराह के फोटो लगाने के साथ ही भगवा झंडा भी देंगे।
इसकी शुरुआत उन्होंने शुक्रवार से हरिद्वार के पुल जटवाड़ा से करने का ऐलान किया था। वह समर्थकों के साथ नारसन बार्डर पर पहुंचे। यहां पर पहले से मौजूद पुलिस ने उनको रोक लिया और वापस जाने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने और हाईवे पर ही जमीन पर धरना देकर बैठ गए। स्वामी यशवीर ने कहा कि दूसरे समुदाय के लोग अपनी पहचान छुपाकर कांवड़ यात्रियों को भोजन कराते हैं। भोजन में थूकते हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि देवभूमि में थूक जेहाद नहीं चलेगा। ऐसे में कांवड़ यात्रा में आने वाले शिव भक्तों को चाहिए कि वह भगवान वराह की तस्वीर देखकर ही संबंधित ढाबे पर भोजन करें।
उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के द्वारा कावड़ लाने वाले शिव भक्तों को हुड़दंगबाज बताने की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह सनातन के खिलाफ की बोल भाषा है जिसका पूर्णता विरोध किया जाता है जो भोले के शिव भक्तों की आस्था पर सीधी चोट है। वहीं सांसद ओवैसी पर बोलते हुए कहा कि उन्होंने उनको आतंकवादी बताया जबकि वह खुद लोकसभा में फिलिस्तीन जिंदाबाद नारे लगते हैं जो खुद ही एक आतंकवादी भाषा बोलते हैं।
साथ ही उन्होंने इस बात का विरोध किया मुजफ्फरनगर के पंडित ढाबे पर उन्होंने किसी की भी पेंट नहीं उतारी है। पुलिस की जांच में भी इस बात सामने आ चुकी है। इस मौके पर आचार्य अर्जुन धर्मेंद्र, सचिन, इंद्रवीर, कोतवाल शांति कुमार, चौकी प्रभारी हेमदत्त भारद्वाज पंकज कुमार, सुधीर कुमार, दीपक बाली और अवधेश कुमार आदि मौजूद रहे।
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