Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुब्रमण्यम स्वामी ने दिया बड़ा बयान, कहा- हरकी पौड़ी को कॉरीडोर के रूप में विकसित करने का कोई औचित्य नहीं

    By Jagran NewsEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Sun, 26 Feb 2023 09:07 PM (IST)

    Haridwar News पूर्व कानून मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ‌विश्वनाथ कॉरीडोर की तर्ज पर हरकी पौड़ी को कॉरीडोर के रूप में विकसित करने का कोई औचित ...और पढ़ें

    Hero Image
    पूर्व कानून मंत्री ने डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी हरकी पौड़ी को कॉरीडोर के रूप में विकसित करने का विरोध किया

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार: पूर्व कानून मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ‌विश्वनाथ कॉरीडोर की तर्ज पर हरकी पौड़ी को कॉरीडोर के रूप में विकसित करने का कोई औचित्य नहीं है। अच्छी सड़कें बनें इतना ही बहुत है। उन्होंने कॉरीडोर का विरोध किया। आगे कहा कि विधानसभा के 228 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के फैसले को गलत करार दिया। मुख्यमंत्री से कर्मियों को बहाल करने की मांग की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को ले जाने की बात भी कही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें, ये बातें उन्होंने रविवार को हरिद्वार स्थित अटल बिहारी राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि कॉरी‌डोर बनाने की जानकारी संज्ञान में आई है। कहा कि कॉरीडोर बनाने का कोई औचित्य ही नहीं है। केवल अच्छी सड़कें ही काफी हैं। क्योंकि वाराणसी में भी कॉरीडोर बनने से लोग दुखी हैं। इसके लिए कई मंदिरों को तोड़ना पड़ा। इसलिए यहां ऐसा कुछ न हो, इसका विरोध करता हूं। जिन अधिकारियों ने भी इस योजना के बारें में सोचा है मुख्यमंत्री उन्हें समझाएं कि ये करना पवित्र भूमि को ठेस पहुंचाने के बराबर होगा।

    आगे डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में कर्मचारियों को नियुक्त कर 2001 से 2015 तक के कर्मियों को नियमित कर दिया गया। लेकिन इसके बाद 2016 से भर्ती हुए सभी कर्मचारियेें की छुट्टी करने की शुरुआत कर दी। कहा कि 2001 से 2015 तक सबको नियमित कर दिया। लेकिन बिना कारण 2016 के बाद के कर्मचारियों को बिना कारण बर्खास्त करना भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है। कहा कि अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंचा है। इसे सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की रणनीति बनाएंगे। लेकिन मैं आशा करता हूं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ही जैसे 2001 से 2015 तक के कर्मचारियों को नियमित किया। इन्हें भी बहाल करते हुए नियमित करने का फैसला लें। आगे कहा कि वरना कोर्ट में ये हारेंगे, विश्वास के साथ कहता हूं। कहा कि आज तक जो भी केस मैंने लड़े सभी में जीत मिली है। अब 288 कर्मचारियों को उज्जवल करने के लिए कदम उठाएंगे, तब तक ऐसा नहीं होगा जब तक इस मामले को बिल्कुल भी छोड़ेंगे नहीं।