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    दिल्ली देहारादून एक्सप्रेस-वे निर्माण के मलबे ने मोड़ा सोलानी नदी का रुख, आधा दर्जन गांवों पर मंडराया संकट

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 06:46 PM (IST)

    रुड़की के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना में NHAI ठेकेदारों द्वारा सोलानी नदी में मलबा डालने से नदी का प्रवाह बदल गया है। इससे औरंगजेबपुर के पास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है क्योंकि कटाव हो रहा है और पानी घरों में घुस रहा है। ग्राम प्रधान ने मलबा हटाने और प्रवाह नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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    दिल्ली देहारादून एक्सप्रेसवे निर्माण के मलबे ने मोड़ा सोलानी नदी का रुख, आधा दर्जन गांवों पर मंडराया संकट

    अनुज कटारिया, रुड़की। दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना के अंतर्गत सोलानी नदी के प्राकृतिक प्रवाह में अचानक बदलाव आ गया है। एनएचएआई के ठेकेदारों द्वारा औरंगजेबपुर के निकट नदी में हाईवे का मलबा भरने के कारण सोलानी नदी ने दिशा बदल दी है, जिससे आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांवों में बाढ का संकट मंडरा रहा है।

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    पिछले एक माह से यहां जल प्रवाह दिशा बदलने से कटाव की स्थिति पैदा हो गई है। वर्षाकाल के समय नदी के पानी का घुमाव होने के कारण करीब आधा दर्जन गांव के करीब 10 हजार से ज्यादा ग्रामीण बाढ की मुहाने की जद में आ गए है।

    एनएचएआई की शाखा पीआईयू रुड़की के ठेकेदार अपनी मनमर्जी से अंधाधुंध कार्य कर रहे है। जिससे आसपास के ग्रामीणों के लिए जलप्रलय की स्थिति बन रही है। ग्राम प्रधान औरंगजेबपुर रुचि चंद्रा द्वारा सिंचाई खंड रुड़की को इस बाबत पत्राचार किया गया है।

    उनका कहना है कि हाईवे निर्माण के दौरान ठेकेदार के कर्मचारी ने भारी मात्रा में मलबा सोलानी नदी में डाल दिया। इसके कारण नदी का बहाव दक्षिण दिशा की ओर मुड़ गया है और यह परिवर्तन पुल के पिलरों के समीप तीव्र कटाव उत्पन्न कर रहा है।

    कटाव से न केवल पुल की नींव खतरे में है, बल्कि पास के गांवों की आबादी और खेत-खलिहान भी प्रभावित हो रहे हैं। सोलानी नदी के जलप्रवाह का रुख बदलने से आसपास के ग्राम शेरपुर, लोधीवाला, तकीपुर, मौहम्मदपुर, कालेवाला बाढ की चपेट के मुहाने पर है।

    बीते सप्ताह हुई तीव्र मूसलाधर वर्षा के कारण गांव के कई घरों में पानी घुस चुका है और ग्रामीणों में भय का माहौल है। यहां आधा दर्जन गांव के करीब दस हजार से अधिक आबादी पर जलप्रलय का संकट मंडरा रहा है। ग्राम प्रधान ने मांग की है कि नदी में भरे मलबे को तुरंत हटाया जाए और प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए पैचिंग व तटबंध निर्माण जैसे आपातकालीन उपाय किए जाएं।

    उधर सिंचाई खंड रुड़की के अधिशासी अभियंता डीसी उनियाल ने बताया कि मामले को लेकर एनएच को पत्र भेजा गया है। लेकिन अभी तक एनएच अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण तक नही किया है।