हरिद्वार में अब घरों से निकलने वाले सीवेज को बिना ट्रीटमेंट के गंगा में नहीं छोड़ा जाएगा। पेयजल निगम ने जगजीतपुर और सराय में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए हैं। इन प्लांटों में सीवेज का प्रारंभिक ट्रीटमेंट होगा जिसके बाद साफ़ पानी गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। इससे गंगा की स्वच्छता बनी रहेगी और वेंडरों को भी सीवेज निस्तारण के लिए शुल्क नहीं देना होगा।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। घरों से निकलने वाला सीवेज अब बिना शोधन गंगा में नहीं छोड़ा जाएगा। पहले प्राइवेट वेंडर सीधे सीवेज को खाली प्लाट और गंगा में प्रवाहित कर देते थे। जिससे गंदगी और गंगा में प्रदूषण बढ़ता था। अब पेयजल निगम की निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) ने इसका तोड़ निकाला है। विभाग की ओर से जगजीतपुर और सराय में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गए हैं।
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जगजीतपुर में 100 किलोलीटर और सराय में 50 किलोलीटर क्षमता का प्लांट बनाया गया है। इन प्लांटों का निर्माण 5.14 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ है। यहां अत्याधुनिक मशीनों से सीवेज का प्रारंभिक ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसके बाद पानी को एसटीपी में भेजा जाएगा।
एसटीपी से शोधन के बाद साफ पानी ही गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। इससे गंगा जल की स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही, वेंडरों को सीवेज निस्तारण के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। पहले वेंडर खेतों और खाली जमीन पर सीवेज डाल देते थे, जिससे बदबू और गंदगी फैलती थी।
नई व्यवस्था से यह समस्या खत्म होगी। वेंडरों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्हें सीवेज सीधे गंगा या खुले स्थानों पर न डालने की हिदायत दी जा रही है। निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) की अधिशासी अभियंता मीनाक्षी मित्तल ने बताया कि दोनों ही प्लांटों में सीवेज का ट्रीटमेंट शुरू हो गया है।
इसमें निशुल्क सीवेज का ट्रीटमेंट किया जाएगा। प्राइवेट वेंडरों को सीवेज को प्लांटों तक पहुंचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इससे गंगा प्रदूषण कम होगा। साथ ही प्राइवेट वेंडरों को राहत मिलेगी। ट्रीटमेंट होने के बाद स्वच्छ पानी को गंगा में प्रवाहित किया जाएगा।
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