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    उत्तराखंड के इस जिले में लाखों का घोटाला उजागर, पर्सनल काम को बनाया फर्जीवाड़े का नया हथियार

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 03:30 PM (IST)

    रुड़की में मनरेगा में फर्जीवाड़े का नया मामला सामने आया है। एनएमएसएस पोर्टल पर व्यक्तिगत कार्यों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है जिसमें फोटो की आवश्यकता नहीं होती। सार्वजनिक कार्यों में भी गड़बड़ी पाई गई है। दैनिक जागरण की खबर के बाद शासन ने जांच शुरू की है। जिला विकास अधिकारी ने बताया कि अब जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो अपलोड किए जाएंगे।

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    मनरेगा में व्यक्तिगत कार्यों को लेकर बनाया फर्जीवाड़ा का नया हथियार

    अनुज कटारिया, रुड़की। मनरेगा में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब मनरेगा का पैसा डगारने के लिए नए तरीके प्रयोग किए जा रहे हैं। जिसमें मनरेगा एनएमएसएस पोर्टल पर व्यक्तिगत कार्य के नाम से कार्य दिखाया जा रहा है। जिसमें फोटो की आवश्यकता ही नहीं है।

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    इसके अलावा जो कार्य मनरेगा के सार्वजनिक तरीके से किए जाते हैं। उनमें भी फोटो अन्य व्यक्तियों के खींचकर अपने पास हार्डडिस्क में रख लिए जाते हैं, जिससे सार्वजनिक कार्यों के दौरान वो एनएमएसएस पोर्टल पर फोटो अपलोड किए जा सकें।

    वहीं, फोटो के नीचे जो श्रमिकों की हाजिरी दिखाई जाती है, वो फोटो में होते ही नहीं, इसके अलावा कोई भी फोटो निर्माण स्थल पर नहीं दिखाया गया है।

    दरअसल, विगत दिनों दैनिक जागरण ने मनरेगा में हुए फर्जीवाड़े को प्रमुखता से छापा था। जिसका संज्ञान लेकर शासन ने जांच टीम गठित की। इसके बाद करीब एक दर्जन से ज्यादा ग्राम विकास अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया था। जो सर्विस बुक में भी दर्ज किया गया था।  साथ ही अंतिम रूप से चेतावनी दी गई थी कि यदि फिर से अनियमितता पाई गई तो, निलंबन की कार्रवाई तय की जाएगी।

    हालांकि, मनरेगा में कुछ मेट व श्रमिकों को स्थायी रूप से बाहर कर दिया गया था, लेकिन अब मनरेगा कर्मचारियों ने सरकारी पैसा डकारने का नया तरीका खोज लिया है। जिसमें अधिकांश कार्य पोर्टल पर व्यक्तिगत रूप से अपलोड किए गए हैं। जिसमें फोटो की आवश्यकता नहीं होती।

    इसके तहत रुड़की, भगवानपुर, नारसन, मंगलौर ब्लाक में लाखों रुपये की कार्य व्यक्तिगत रूप से पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं। हालांकि कुछ कार्य एनएमएसएस में कुछ कार्य सार्वजनिक दिखाएं गए है। उनमें मस्ट्रोल के मुताबिक श्रमिकों की हाजिरी फोटो से भिन्न है। जिससे संदेह का दायरा और भी बढ़ जाता है।

    वहीं, इस बाबत जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश का कहना है कि मनरेगा एनएमएसएस में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिसमें कोई भी कार्य जीपीएस लोकेशन फोटो के साथ अपलोड किए जाएंगे। जिससे कार्यों में पार्दशिता आएगी।