जितना शार्प शूटर… उतनी ही मीठी जुबान बोलता था शाहरुख पठान, जीवा के इशारे पर करनी थी हत्या, गलती से मार दिया कंबल व्यापारी
उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए शाहरुख पठान की एक गलती से हरिद्वार के कंबल व्यापारी अमित दीक्षित के परिवार की दुनिया उजड़ गई। साल 2017 में वह हत्या के लिए हरिद्वार आया था लेकिन गलती से कंबल व्यापारी को गोली मार दी। इस केस में वह दो साल जेल में बंद रहा।

मेहताब आलम, हरिद्वार। उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात संजीव जीवा और मुख्तार गैंग के शूटर शाहरुख पठान की एक गलती से हरिद्वार के कंबल व्यापारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी के परिवार की दुनिया ही उजड़ गई थी।
मुजफ्फरनगर से फरार होने के दौरान जीवा के कहने पर साल 2017 में वह भाड़े के शूटर के तौर पर हत्या के लिए हरिद्वार आया था, लेकिन गलती से कंबल व्यापारी को गोली मार दी थी। इस केस में वह दो साल जिला कारागार रोशनाबाद में बंद रहा।
जेल में उसका व्यवहार और जुबान की मिठास देखकर कोई यकीन नहीं कर पाता था कि वह इतना शार्प शूटर है। उम्रकैद की सजा होने के बाद हाईकोर्ट से जमानत पर वह हरिद्वार जेल से छूटा था।
कोर्ट से न जाने अमित के परिवार को कब न्याय मिलता। मुठभेड़ में शाहरुख के ढेर होने की खबर को गोल्डी का परिवार कुदरत के इंसाफ के रूप में देख रहा है। मुजफ्फरनगर में हुआ शाहरुख का एनकाउंटर हरिद्वार के व्यापार जगत में चर्चा का विषय बना रहा।
एक गलती से उजड़ गया था परिवार
हरिद्वार के कंबल कारोबारी अमित दीक्षित की हत्या गलत पहचान की वजह से हुई थी। कनखल क्षेत्र में हाईवे से सटी एक बहुमूल्य जमीन के विवाद को लेकर प्रापर्टी डीलर सुभाष सैनी को कुख्यात संजीव उर्फ जीवा ने कई बार निशाना बनाया। एक बार कमर में गोली लगने से उनकी जान बच गई।
2017 में जीवा ने शार्प शूटर शाहरुख व कुछ अन्य गुर्गों को सुभाष सैनी की हत्या के लिए हरिद्वार भेजा था। सुभाष सैनी उस वक्त निर्मला छावनी में एक परिचित के घर में मौजूद थे। पीछा करते हुए शाहरुख व उसके साथ निर्मला छावनी पहुंच गए।
इसी दौरान एक घर से अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी बाहर निकले। हुलिया मिलता-जुलता होने के चक्कर में शूटर ने अमित दीक्षित को गोलियों से भून डाला था। हत्याकांड विधानसभा तक में गूंजा था। हरिद्वार कोतवाली की पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ ने मिलकर शाहरुख, महताब आदि को गिरफ्तार कर हत्याकांड का पर्दाफाश किया था।
जेल में सबसे रखता था मधुर व्यवहार
जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि शाहरुख पठान करीब दो साल यहां बंद रहा है। वह बहुत प्यार से बात करता था। कई बार तो उसे देखकर और उसकी बात सुनकर यकीन करना मुश्किल हो जाता था कि वह इतना दुर्दांत शूटर हो सकता है, जबकि उसके कारनामे हरिद्वार से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक आम रहे हैं।
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