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    संत महापुरुष राष्ट्र का गौरव हैं: श्रीमहंत रविद्रपुरी

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 16 Jun 2022 08:32 PM (IST)

    भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने में संत महापुरुषों का अहम योगदान है। संत महापुरुष राष्ट्र का गौरव हैं। गुरु शिष्य परंपरा संपूर्ण विश्व में भारत को महान बनाती है। ब्रह्मलीन स्वामी असंगानंद महाराज त्याग तपस्या एवं समरसता की पराकाष्ठा थे। एक आदर्श महापुरुष के रूप में भारतीय इतिहास में उनका जीवन सदैव प्रासंगिक रहेगा।

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    संत महापुरुष राष्ट्र का गौरव हैं: श्रीमहंत रविद्रपुरी

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने में संत महापुरुषों का अहम योगदान है। संत महापुरुष राष्ट्र का गौरव हैं। गुरु शिष्य परंपरा संपूर्ण विश्व में भारत को महान बनाती है। ब्रह्मलीन स्वामी असंगानंद महाराज त्याग तपस्या एवं समरसता की पराकाष्ठा थे। एक आदर्श महापुरुष के रूप में भारतीय इतिहास में उनका जीवन सदैव प्रासंगिक रहेगा।

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    कनखल स्थित श्री हरेराम आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानंद महाराज के स्वर्ण जयंती समारोह पर आयोजित संत सम्मेलन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविद्रपुरी महाराज ने यह उद्गार व्यक्त किए। इस मौके पर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत रघु मुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानंद महाराज विद्वान एवं तपस्वी संत थे। उन्हीं के मार्ग का अनुसरण कर महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन संत ने युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए जागृत किया। हरेराम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी असंगानंद महाराज ने संतों की सेवा करते हुए गंगा तट से समाज हित के लिए अनेक सेवा प्रकल्प स्थापित किए। गौ, गंगा संरक्षण, गरीबों की सेवा उनके जीवन का मूल उद्देश्य था। उनके द्वारा स्थापित सेवा कार्यों में निरंतर बढ़ोत्तरी कर समाज कल्याण में अपना योगदान प्रदान करना ही उनका मूल उद्देश्य है। कार्यक्रम का संचालन महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने किया। इस अवसर पर डा. जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, स्वामी कृष्ण मुनि, प्रो.प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलांबर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पांडेय, हरीश कुमार, डा अश्विनी चौहान, मयंक गुप्ता, नमामि यमुना अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल राजीव रावत ने फूलमाला पहनाकर सभी संतों का स्वागत किया।