Updated: Mon, 15 Sep 2025 04:41 PM (IST)
हरिद्वार में राशन की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है। डीलर ई-पॉश मशीनों को धोखा देकर नए हथकंडे अपना रहे हैं खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। वे उपभोक्ताओं से पहले अंगूठा लगवाकर बाद में राशन देने से इनकार कर देते हैं। आपूर्ति विभाग की लापरवाही के चलते कालाबाजारी जारी है और दोषियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है।  
 रोबिन मल्ल, हरिद्वार। उपभोक्ताओं तक सरकारी राशन पहुंचाने के लिए सरकार ने भले ही राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से सस्ते गल्ले की दुकानों पर ई-पाश मशीन लगा रही हो। लेकिन, डीलरों ने अब इस तकनीक को भी धता बता दिया है।
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 जिले में खासकर देहात क्षेत्रों से सबसे ज्यादा कालाबाजारी की शिकायतें सामने आ रही हैं।     यहां डीलर उपभोक्ताओं को उनका हक देने के बजाय तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर सरकारी राशन बाजार में खपाने में जुटे हैं। इससे उपभोक्ताओं का हक मारा जा रहा है।   
          हाल ही में सुल्तानपुर क्षेत्र में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां राशन डीलर उपभोक्ताओं से पहले ही अंगूठा लगवाकर सरकारी राशन डकार रहा था। इसे गंभीरता से लेते हुए पूर्ति विभाग ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान को भी सीज किया था।   
                   ऐसे हो रही है कालाबाजारी...              ई-पाश मशीन में अंगूठा लगाने के बाद उपभोक्ता को तुरंत उसका निर्धारित राशन मिलना चाहिए। यह प्रक्रिया आनलाइन दर्ज होती है ताकि किसी प्रकार की हेराफेरी न हो। लेकिन, हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।                
                        डीलर पहले उपभोक्ता को पर्ची पकड़ा रहे हैं और उसी दौरान उनसे बायोमीट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवा लेते हैं। अंगूठा लगने के बाद सिस्टम में दिख जाता है कि उपभोक्ता को उसका हिस्सा मिल गया है। लेकिन डीलर उसी समय राशन देने के बजाय कोई और तिथि तय कर देते हैं।                
                         तय तिथि पर जब उपभोक्ता दुकान पर पहुंचते हैं, तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि राशन खत्म हो चुका है।                                देहात में सबसे ज्यादा मामले                     राशन वितरण की यह गड़बड़ी सबसे अधिक देहात क्षेत्र की दुकानों से सामने आ रही है। यहां उपभोक्ताओं को जानकारी का अभाव और डीलरों की मनमानी के चलते कालाबाजारी का खेल जमकर चल रहा है।                                              
                                                            इसमें आपूर्ति विभाग को चाहिए की वह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में छापेमारी और निरीक्षण करते रहे। जिससे राशन की कालाबाजारी पर रोक लग सके।                                              
                                                                                            विभाग की लापरवाही पर सवाल                                                                              
                                                                                                            सुल्तानपुर, ज्वालापुर, रुड़की क्षेत्र में राशन की कालाबाजारी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद भी विभाग की ओर से अब तक इस पर कोई सख्त रूख नहीं अपनाया जा रहा है। केवल राशन डीलर को तलब किया जाता है। इसके बाद उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।                                                                                                                                       
                                                                                                                                                                                इस प्रकार की घटना सामने के बाद पूर्ति निरीक्षकों की ओर से सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है। यदि कोई डीलर राशन की कालाबाजारी करते हुए पाया जाता है, तो उस पर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।                                                                                                                                                        
                                                                                                                                                                                                 -तेजबल सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी, हरिद्वार                                                                                                                                                                          
 
  
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