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हरिद्वार के मंगलौर में स्लॉटर हाउस का विरोध जोरों पर, पालिका में दिया गया धरना

हरिद्वार जिले के मंगलौर कस्बे में पीपीपी मोड पर बनाए जा रहे स्लॉटर हाउस के अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 07:30 PM (IST)
हरिद्वार के मंगलौर में स्लॉटर हाउस का विरोध जोरों पर, पालिका में दिया गया धरना
हरिद्वार के मंगलौर में स्लॉटर हाउस का विरोध जोरों पर, पालिका में दिया गया धरना

हरिद्वार, जेएनएमंगलौर कस्बे में पीपीपी मोड पर बनाए जा रहे स्लॉटर हाउस (पशु वधशाला) के अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। कुरैशी समाज ने इस पर रोक लगाने की मांग को लेकर जुलूस निकाला। वहीं, भाजपा नेता के नेतृत्व में नगर पालिका पर धरना भी दिया। 

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हरिद्वार जिले के मंगलौर में स्लॉटर हाउस का मामला चर्चाओं में है। भाजपा के विधायक संजय गुप्ता इस मामले में अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दे चुके हैं। इसी बीच भाजपा नेता जमीर हसन अंसारी के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए नगर पालिका पर धरना दिया गया। वहीं, कुरैशी समाज के लोग भी कस्बे में जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। इस मौके पर भाजपा नेता जमीर अहमद अंसारी ने कहा कि इस स्लॉटर हाउस को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है, लेकिन पालिका प्रशासन की ओर से जन विरोध को दरकिनार करते हुए इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जो गलत है। 

उन्होंने कहा कि नगर पालिका प्रशासन को इस अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त करना होगा। ऐसा न करने पर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं आर्य समाज के पदाधिकारी सुमंत सिंह आर्य ने कहा कि हरिद्वार देवभूमि है। ऐसे में यहां पर किसी भी कीमत पर स्लॉटर हाउस का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। इस मौके पर चौधरी हाकम सिंह, यशपाल सिंह, बलवंत सिंह, राजकुमार, ईश्वर दयाल, नसीम कुरैशी, फैजान, तौफिक, राव रईस, दिनेश, अमजद उस्मानी, पुनीत भटनागर आदि मौजूद रहे। 

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ईओ ने डीएम को भेजा पत्र 

नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी शाहिद अली ने भाजपा नेता जमीर हसन अंसारी की मांग को लेकर डीएम को एक पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जा रहाहै। चार माह में स्लॉटर हाउस का निर्माण कर उसको चालू करना था। इसका पालन न होने के चलते उच्च न्यायालय की ओर से नगर पालिका को अवमानना का दोषी माना है। न्यायालय ने 18 दिसंबर और अन्य तारीखों पर लगातार व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है। 

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