President Uttarakhand Visit: हमारे विद्यार्थी जाब सीकर नहीं, जाब क्रिएटर - बाबा रामदेव
पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत किया गया। स्वामी रामदेव ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित हैं और 'जॉब क्रिएटर' हैं। आचार्य बालकृष्ण ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल कार्यान्वयन और विश्वविद्यालय की उच्च गुणवत्ता पर प्रकाश डाला। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन के वैज्ञानिक योगदान की सराहना की गई।

पतंजलि विवि के द्वितीय दीक्षा समारोह को संबोधित करते विवि के कुलाधिपति योगगुरु बाबा रामदेव। साभार पतंजलि
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति स्वामी रामदेव और कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने राष्ट्रपति का भव्य रूप से स्वागत किया। इस पर उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आगमन को पतंजलि परिवार के लिए गौरवान्वित क्षण बताया। अपने संदेश में कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी केवल शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे, बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना से ओतप्रोत होकर आगे बढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का हर विद्यार्थी ‘जाब सीकर’ नहीं, बल्कि ‘जाब क्रिएटर’ है। यहां शिक्षा का आधार किसी जाति या धर्म पर नहीं, बल्कि सनातन सिद्धांतों पर आधारित है। पतंजलि विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल शिक्षित नागरिक तैयार करना नहीं, बल्कि चरित्रवान, आत्मनिर्भर और नैतिक समाज का निर्माण करना है।
पतंजलि विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तथा विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफलतापूर्वक लागू किया है। यह नीति शिक्षा को रोजगारपरक, बहुविषयक और मूल्य आधारित बनाने का लक्ष्य रखती है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नेक) से 3.48 ग्रेड प्वांइट के साथ ए ग्रेड प्राप्त किया है, जो इसकी उच्च गुणवत्ता का प्रमाण है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि विश्वविद्यालय में शुल्कमुक्त शिक्षा प्रणाली लागू है और मेधावी विद्यार्थियों के लिए विशेष छूट दी जाती है। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ने योग, आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय वैज्ञानिक योगदान दिया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय खेल, संस्कृति और अनुसंधान के क्षेत्र में भी निरंतर प्रगति कर रहा है।
पतंजलि विश्वविद्यालय को विश्व के श्रेष्ठतम विश्वविद्यालयों की श्रेणी में स्थापित करने का संकल्प व्यक्त करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि यहां पारंपरिक शास्त्रों के स्मरण को प्रोत्साहन एवं पुरस्कार प्रदान किया जाता है। साथ ही, नियमित शिक्षा के साथ-साथ आनलाइन एवं दूरस्थ माध्यम से भी देश-विदेश के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।
पतंजलि के चारों तरफ रहा कड़ा सुरक्षा पहरा
हरिद्वार : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के भ्रमण के दौरान पतंजलि योगपीठ के चारों तरफ कड़ा सुरक्षा घेरा रहा। पतंजलि योगपीठ परिसर से लेकर हाईवे तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। बहुमंजिला भवनों की छतों से भी निगरानी की गई। सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोई कोताही न हो, इसको लेकर आला अधिकारी सड़क पर उतरे नजर आए।
राष्ट्रपति के पतंजलि भ्रमण को लेकर कई हफ्ते से तैयारियां चल रही थी। एक सप्ताह से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां हरिद्वार में डेरा डाले हुए थी। जबकि पुलिस-प्रशासन होमवर्क में जुटा था। शनिवार को रिहर्सल के साथ-साथ आइजी गढ़वाल राजीव स्वरूप और आइजी ला एंड आर्डर सुनील कुमार मीणा ने हरिद्वार पहुंचकर पुलिस बल को ब्रीफ किया था।
रविवार सुबह छह बजे से ही पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मोर्चा संभाल लिया था। बिना अनुमति पत्र के किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया। परिसर से हाईवे और दूर तक भवनों की छतों पर जवान मुस्तैद रहे। कैमरों से भी निगरानी की गई। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल सहित आला अधिकारी खुद छोटी-छोटी व्यवस्थाओं पर नजर बनाए रहे।
डायवर्जन खुलने पर लगा जाम
राष्ट्रपति के पतंजलि में पहुंचने से दो घंटे पहले डायवर्जन लागू कर दिया गया था। जबकि हाईवे पर भारी वाहनों की एंट्री सुबह छह बजे से ही प्रतिबंधित कर दी गई थी। दोपहर में डायवर्जन खत्म होने पर कई जगहों पर जाम की समस्या पैदा हो गई। पुलिसकर्मियों ने मशक्कत कर यातायात सुचारू कराया।

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