Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haridwar में की अखाड़ा परिषद ने घोषणा, प्रयागराज कुंभ में ‘शाही’ और ‘पेशवाई’ शब्द का नहीं करेगी प्रयोग

    Prayagraj Kumbh अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद प्रयागराज कुंभ-2025 में ‘शाही’ और ‘पेशवाई’ शब्द का प्रयोग नहीं करेगी। ‘शाही’ शब्द उर्दू का है और ‘पेशवाई’ फारसी का इसलिए अब अखाड़ा परिषद इनका प्रयोग नहीं करेगी। यह गुलामी की मानसिकता के परिचायक हैं इसलिए अखाड़ा परिषद ने इनकी जगह दूसरे शब्द प्रयोग में लाने का निर्णय लिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने गुरुवार को हरिद्वार में यह घोषणा की।

    By Anoop kumar singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 05 Sep 2024 08:53 PM (IST)
    Hero Image
    Prayagraj Kumbh: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने गुरुवार को हरिद्वार में की घोषणा।

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Prayagraj Kumbh: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद प्रयागराज कुंभ-2025 में ‘शाही’ और ‘पेशवाई’ शब्द का प्रयोग नहीं करेगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने गुरुवार को हरिद्वार में यह घोषणा की। कहा कि ‘शाही’ और ‘पेशवाई’ जैसे शब्द सनातन संस्कृति और धर्म से मेल नहीं खाते।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह गुलामी की मानसिकता के परिचायक हैं, इसलिए अखाड़ा परिषद ने इनकी जगह दूसरे शब्द प्रयोग में लाने का निर्णय लिया है।

    कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने जब महाकाल की ‘शाही सवारी’ शब्द पर आपत्ति करते हुए उसे ‘राजसी सवारी’ नाम दिया तो हमारा ध्यान भी इस ओर गया। ‘शाही’ शब्द उर्दू का है और ‘पेशवाई’ फारसी का, इसलिए अब अखाड़ा परिषद इनका प्रयोग नहीं करेगी।

    यह भी पढ़ें- Dehradun News: स्कूटी चालक ने सिपाही को मारी टक्कर, रोकने पर 200 मीटर तक घसीटा

    अभी नाम परिर्वतन को लेकर निर्णय

    ‘दैनिक जागरण’ से विशेष बातचीत में श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि अभी नाम परिर्वतन को लेकर निर्णय लिया गया है, नाम परिर्वतन हुआ नहीं। हालांकि, ‘राजसी स्नान’ शब्द को लेकर सबकी सहमति बनती दिख रही है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय इसी माह प्रयागराज में होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में लिया जाएगा।

    कहा कि अखाड़ा परिषद ‘शाही’ और ‘पेशवाई’ के साथ ही इस तरह के अन्य शब्दों के स्थान पर भी सनातन धर्म-संस्कृति से मेल खाते शब्दों का प्रयोग करेगी। प्रयागराज में होने वाली बैठक में इन्हें लेकर सभी अखाड़ों की सहमति से नए शब्दों का चयन किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें- Uttarakhand News: घर में घुसकर गर्भवती महिला से मौसा ने की छेड़खानी, प्रसव पीड़ा के बाद जन्‍मे शिशु की मौत

    इसके बाद सभी चारों कुंभ मेला स्थल प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन व नासिक में कुंभ मेला अधिष्ठान को अखाड़ा परिषद अधिसूचना जारी करेगी। ताकि कुंभ मेला से जुड़े शासकीय विभागों में भी उसी अनुरूप कार्य हो।