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    रुड़की अस्पताल के ब्लड बैंक में मिल सकेगा प्लाज्मा और प्लेटलेट्स Haridwar News

    By Bhanu Prakash SharmaEdited By:
    Updated: Thu, 07 May 2020 10:04 AM (IST)

    मरीजों को अब सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा प्लेटलेट्स ब्लड सेल आदि मिल सकेगा। इसके लिए मरीजों को हरिद्वार देहरादून और अन्य शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

    रुड़की अस्पताल के ब्लड बैंक में मिल सकेगा प्लाज्मा और प्लेटलेट्स Haridwar News

    रुड़की, जेएनएन। मरीजों को अब सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, ब्लड सेल आदि मिल सकेगा। इसके लिए मरीजों को हरिद्वार, देहरादून और अन्य शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट शुरू होने जा रही है। सब कुछ ठीक रहा तो मई के अंतिम सप्ताह या फिर जून के प्रथम सप्ताह तक यह प्लांट शुरू हो जाएगा। अस्पताल प्रशासन की ओर से इस यूनिट को शुरू कराने को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। 

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    सिविल अस्पताल रुड़की के ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट प्रस्तावित है। इसके लिए अब काम तेज हो गया है। ब्लड बैंक में यूनिट के लिए भवन पहले ही बनाया जा चुका है। यूनिट के लिए मशीनों को खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही मशीनों को खरीदकर यूनिट स्थापित होगी। 

    अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए स्टाफ की डिमांड भी शासन से कर दी है। यूनिट के शुरू होने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। मरीजों को उपचार के लिए बाहर भेजने की जरुरत नहीं पड़ेगी। खासतौर से डेंगू से पीडि़त मरीजों को राहत मिलेगी।

    क्या है बीसीएसयू 

    ब्लड में चार तरह के कंपोनेंट होते हैं।  जिसमें प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, रेड ब्लड सेल और क्रायोप्रोसीपिटेट होते हैं। ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट (बीसीएसयू) की मदद से ब्लड से इन चारों कंपोनेंट को अलग कर लिया जाता है। इससे एक यूनिट ब्लड चार लोगों के काम आ जाता है। 

    डेंगू मरीजों को मिलेगी राहत

    ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट की मदद से ब्लड से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, आरबीसी आदि अलग हो जाते हैं। डेंगू से पीडि़त मरीज में प्लेटलेट््स की कमी हो जाती है। ब्लड बैंक में प्लेटलेट््स न होने के कारण मरीजों को उपचार कराने में काफी परेशानी होती है। जिसके चलते मरीजों को देहरादून आदि शहर भेजा जाता है। वहीं यूनिट शुरू होने से मरीजों को ब्लड बैंक से ही प्लेटलेट्स मिल जाएंगे। 

    कोरोना उपचार में भी बताया जा रहा मददगार 

    कोरोना के उपचार में प्लाज्मा को मददगार बताया जा रहा है। हालांकि अभी इससे उपचार को हरी झंडी नहीं मिली है। यदि प्लाज्मा से कोरोना वायरस से पीडि़त मरीजों का उपचार संभव हुआ तो कोरोना पीड़ित मरीजों के उपचार में भी मदद मिलेगी।

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    तैयार है भवन 

    सिविल अस्पताल रुड़की के सीएएमएस डॉ. संजय कंसल के मुताबिक, ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट बहुत जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रयास जारी हैं। यूनिट के लग जाने से मरीजों को काफी लाभ होगा। यूनिट के लिए भवन पहले ही तैयार है। मशीन और स्टाफ भी जल्द मिल सकता है।

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