Move to Jagran APP

गुजरात से दो लाख 10 हजार रुपये खर्च कर हरिद्वार पहुंचे लोग

सरकार भले ही प्रवासियों को लाने का खर्च उठाने की बात कह रही हो। लेकिन हकीकत यह है कि गुजरात में फंसे उत्तराखंड के प्रवासी दो लाख दस हजार रुपये खर्चकर वापस लौटे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 05:20 PM (IST)
गुजरात से दो लाख 10 हजार रुपये खर्च कर हरिद्वार पहुंचे लोग

हरिद्वार, जेएनएन। सरकार की ओर से भले ही प्रदेश के प्रवासियों को लाने का खर्च उठाने की बात कही जा रही हो। लेकिन, हकीकत यह है कि गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में फंसे उत्तराखंड के प्रवासी दो लाख दस हजार रुपये खर्चकर वापस लौटे हैं। ये सभी 30 लोग हरिद्वार पहुंचे। इन्होंने किसी तरह चंदा जमा कर वाहन बुक किया। वहीं गुरुग्राम से सात बसें रुद्रप्रयाग के 242 लोगों को लेकर हरिद्वार पहुंचेंगी।

loksabha election banner

लॉकडाउन की घोषणा के बाद बनी विकट परिस्थितियों के चलते बाहरी राज्यों में रह रहे प्रवासी हर हाल में अपने राज्य लौटना चाहते हैं। लेकिन, सरकार की ओर से इसे लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इससे निराश होकर सूरत और अहमदाबाद में फंसे प्रदेश के 30 लोगों ने दो लाख 10 हजार में निजी वाहन बुक किया। इसके बाद वह गुजरात सरकार से अनुमति लेकर मंगलवार को निकल गए। इनमें कैलाश जगूड़ी निवासी देहरादून, संपूर्णानंद पैन्यूली उत्तरकाशी, शिशुपाल सिंह रुद्रप्रयाग, कृष्णानंद जगूड़ी उत्तरकाशी, गोदांबरी देवी, शैला देवी, विनोदा देवी आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वह आपस में किसी तरह से चंदा एकत्र कर हरिद्वार लौटे हैं।

गढ़वाल के युवाओं को भेजने की नहीं हुई अब तक कोई व्यवस्था

पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के आश्रम में रह रहे गढ़वाल के युवाओं को भेजने की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इनमें पौड़ी गढ़वाल, चमोली, उत्तरकाशी के 45 युवा शामिल हैं, जो हरिद्वार में काम करते हैं। आश्रम के परमाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने बताया कि उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी विनित तोमर समेत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से वार्ता कर युवाओं को भेजने की गुहार लगाई थी। लेकिन, अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।

खुले आसमान के नीचे सो रहे लोग

अपने घरों को लौटने की आस में लोग भल्ला इंटर कॉलेज के मैदान के बाहर ही आसपास के क्षेत्र में घूम रहे हैं। जहां वह दिन में मेडिकल टीम से स्क्रीनिंग कराते हैं। इनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि के रहने वाले लोग हैं। ये लोग रात को भी भल्ला मैदान के बाहर ही सो जा रहे हैं।

पश्चिम बंगाल के 700 लोगों का हुआ मेडिकल परीक्षण

धर्मनगरी में फंसे पश्चिम बंगाल के पर्यटकों को वापस भेजने के लिए उनका मेडिकल परीक्षण कर दिया गया है। इनमें करीब 700 लोग शामिल हैं। जिला पर्यटन विकास अधिकारी सीमा नौटियाल ने बताया कि इनमें से 71 लोग ही पास बनवाने के बाद निजी वाहनों से बुकिंग करने के बाद वापस लौटे हैं। वहीं, करीब 200 लोगों ने भी पास बनवाने के लिए आवेदन कर रखा है।

गुरुग्राम से पहुंचे 700 लोग

गुरुग्राम से राज्य के विभिन्न स्थानों के रहने वाले 680 लोग शुक्रवार को हरिद्वार पहुंचे। उत्तरकाशी के 130 लोगों का मेडिकल परीक्षण नारसन बॉर्डर पर कर दिया गया था। इससे इन्हें उत्तरकाशी रवाना कर दिया गया। इसके अलावा चमोली जिले के लगभग साढ़े पांच सौ लोग गुरुग्राम से पहुंचे हैं, जिन्हें परीक्षण के बाद प्रेमनगर आश्रम में ठहराया गया है।

पुलिस ने भगवानपुर बॉर्डर से वापस किए 21 श्रमिक

भगवानपुर की मंडावर पुलिस चौकी पर 21 श्रमिकों को पुलिस ने पकड़ लिया। सभी बिना अनुमति सूबे की सीमा में घुस रहे थे। इसके बाद उनको वापस भेज दिया। पंजाब के पटियाला से 21 श्रमिक पैदल ही उप्र के कुशीनगर जिले के लिए रवाना हुए। मंडावार चेकपोस्ट पर जैसे ही ये लोग पहुंचे पुलिस ने उनको पकड़ लिया। रात में सबको पुलिस चौकी के समीप ही रोक दिया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाकर सबकी जांच-पड़ताल कराई गई। इसके बाद सभी को वापस भेज दिया गया।

इसके अलावा कुछ श्रमिक वाहनों में सवार होकर आ रहे थे। उनके पास भी किसी तरह की कोई अनुमति नहीं थी। इनको भी वापस भेज दिया गया। सहारनपुर पुलिस ने सबको क्वारंटरइन कर दिया। वहीं काली नदी चेकपोस्ट से एक रोडवेज बस भी प्रदेश की सीमा में आई। यह 35 लोगों को मोहाली से लेकर आई थी। सभी की जांच-पड़ताल की गई। इसके बाद उनको टिहरी, पौड़ी आदि जिलों के लिए भेज दिया।

जमाती समेत 55 श्रमिक जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना

लक्सर में रह रहे जम्मू-कश्मीर के 55 लोगों को उनके घरों के लिए रवाना किया गया। इनमें एक जमाती भी शामिल है, जबकि 54 लोग लक्सर शुगर मिल में कार्य करते थे। श्रमिकों ने स्वयं परिवहन का खर्च वहन किया है।

यह भी पढ़ें: Lockdown में फंसे अयोध्या के 25 श्रमिकों को घरों के लिए किया रवाना

गन्ना सीजन के दौरान लक्सर शुगर मिल में जम्मू-कश्मीर से श्रमिक आते हैं। यह श्रमिक यहां चीनी की ढुलाई आदि का कार्य करते हैं। ऐसे 54 श्रमिक लॉकडाउन के चलते यहीं फंसे हुए थे। यह पिछले कई दिनों से लगातार प्रशासन से घर भिजवाने की गुहार लगा रहे थे। इसके अलावा जमात में शामिल होने के लिए लक्सर आया जम्मू-कश्मीर का एक जमाती भी क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद सुल्तानपुर में इंटर कॉलेज में ठहरा हुआ था। श्रमिकों ने प्रशासन से अपने आने-जाने का व्यय स्वयं वहन करने की बात कही थी, जिसके बाद प्रशासन ने दो बसों का इंतजाम कराया। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

 यह भी पढ़ें: विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों को लाने की कवायद हुई शुरू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.