CBRI में होगी 'वन हेल्थ, वन वर्ल्ड' अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, दुनियाभर के विज्ञानी इन मुद्दों पर रखेंगे विचार
सीएसआईआर-सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की 20 से 22 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘वन हेल्थ, वन वर्ल्ड (OHOW 2025)’ का आयोजन करेगा। इसमें दुनिया भर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और नीति–निर्माता जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर अपने विचार साझा करेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सीबीआरआई के निदेशक प्रो. आर. प्रदीप कुमार और टोक्यो विश्वविद्यालय के प्रो. वातरु ताकेउची करेंगे।

संवाद सहयोगी, रुड़की। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआइ), रुड़की 20 से 22 नवंबर तक 'वन हेल्थ, वन वर्ल्ड' (ओएचओडब्ल्यू 2025) अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की मेजबानी करेगा। इसमें विश्वभर के विज्ञानी, शोधकर्ता और नीति–निर्माता जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन पर विचार साझा करेंगे। इस महत्वपूर्ण आयोजन की अध्यक्षता सीएसआइआर-सीबीआरआइ में निदेशक प्रो. आर. प्रदीप कुमार और टोक्यो विश्वविद्यालय के प्रो. वातरु ताकेउची करेंगे।
टोक्यो विश्वविद्यालय जापान के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी का संयोजन सेक्रेटरी डा. अजय चौरसिया, मुख्य वैज्ञानिक सीएसआइआर सीबीआरआइ करेंगे। यह वैश्विक स्तर का सम्मेलन जलवायु परिवर्तन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण, सतत अवसंरचना और सामुदायिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होगा। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में टोक्यो विवि के प्रो. किमीरो मेगुरो मुख्य अतिथि होंगे, जो ‘जापान में आदर्श आपदा प्रबंधन उपायों’ पर विशेष व्याख्यान देंगे।
आपदा तैयारी पर रखेंगे विचार
वहीं, एनडीएमए के सदस्य डा. कृष्ण एस वत्स बतौर विशिष्ट अतिथि 'पोस्ट–डिजास्टर नीड्स असेसमेंट और भारत की आपदा तैयारी' पर विचार प्रस्तुत करेंगे। तीन दिवसीय सम्मेलन में 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों सहित 350 से अधिक प्रतिभागियों के जुटने की उम्मीद है। जापान, ताइवान, पुर्तगाल, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, न्यूजीलैंड सहित कई देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में अपनी सहभागिता दर्ज कराएंगे। सम्मेलन में चार समानांतर तकनीकी सत्रों में 201 शोध–पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
सम्मेलन से पूर्व बहु–आपदा और महामारी तैयारी पर एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला और छात्रों के लिए शेक–टेबल परीक्षण एवं ब्रिज लोड टेस्टिंग जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। प्रतिभागियों को सीबीआरआइ के उन्नत अनुसंधान केंद्रों, राष्ट्रीय भूकंप अभियांत्रिकी परीक्षण सुविधा, 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग लैब, फायर रिसर्च लैब, ग्रामीण प्रौद्योगिकी पार्क और निर्माण तकनीकी प्रदर्शन पार्क-का भ्रमण भी कराया जाएगा।

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