सानंद त्यागेंगे जल, कहा; गंगा रक्षा के लिए जाते हैं प्राण तो पीएम जिम्मेदार
गंगा रक्षा के लिए अब स्वामी ज्ञानस्वरूपानंद दस अगस्त से जल त्याग रहे हैं। उनका कहना है कि गंगा रक्षा के लिए उनकी जान जाती है। तो पीएम जिम्ममेदार होंगे।
हरिद्वार, [जेएनएन]: गंगा रक्षा के लिए 22 जून से आंदोलन कर रहे पूर्व प्रोफेसर स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने एक माह में मांगे पूरी नहीं होने पर दस अक्तूबर से जल, नींबू, शहद और नमक सबकुछ त्याग देंगे। उन्होंने कहा कि यदि उनके प्राण मां गंगा की रक्षा के लिए जाते हैं तो उसके लिए केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार होंगे।
22 जून से सांनद गंगा पर बन रही परियोजनाओं को बंद करने और प्रस्तावित नई परियोजनाओं को निरस्त करने समेत गंगा के लिए तैयार किए 2012 के ड्राफ्ट को एक्ट में तब्दील करने की मांग को लेकर तप कर रहे हैं। जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में चल रहे तप के 80वें दिन उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अभी तक सरकार की ओर से उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई पहल नहीं की गई है।
जिससे वह सरकार को एक माह का समय और देते हैं, यदि इसके बाद भी नौ अक्टूबर तक मांगें नहीं मानी गईं तो वह दस अक्तूबर से जल, नींबू, शहद और नमक त्याग देंगे। वहीं मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि यदि गंगा की रक्षा में स्वामी सानंद के प्राण जाते हैं तो उसी समय वह तप शुरू देंगे, क्योंकि जब सरकार को गंगा रक्षा के लिए बलिदान ही चाहिए तो उसे बलिदान दिए जाएंगे, लेकिन गंगा को हर हाल में बचाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: स्वामी सानंद ने एकबार फिर पीएम मोदी को लिखा पत्र, जानिए
यह भी पढ़ें: स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के प्राण रक्षा को बापू से करेंगे प्रार्थना
यह भी पढ़ें: मालवीय कमेटी का ड्राफ्ट पास होने पर तोडूंगा अनशन: स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद