पिरान कलियर उर्स 2025 पाकिस्तानी जायरीनों की एंट्री बैन, पहलगाम हमले के बाद भारत ने वीजा देने से किया इनकार
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव के चलते इस वर्ष पिरान कलियर दरगाह के सालाना उर्स में पाकिस्तानी जायरीन को अनुमति नहीं मिली। पहलगाम हमले के बाद भारत ने वीजा देने से इनकार किया है। कोरोनाकाल के बाद पहली बार उर्स में सीमा पार से जायरीन नहीं आएंगे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालु भी नहीं आ सके। सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है।

मेहताब आलम, जागरण हरिद्वार। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़ी तल्खी के चलते इस बार पिरान कलियर दरगाह के सालाना उर्स में पाकिस्तानी जायरीन और श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं मिली है।
पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद चले आपरेशन सिंदूर को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान के जायरीन को वीजा देने से इन्कार कर दिया है।
कोरोनाकाल के बाद यह पहला मौका होगा जब उर्स के लिए सीमा पार से जायरीन की नो एंट्री हुई है। आपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से कोई हिंदू श्रद्धालु भी धर्मनगरी नहीं आ सका है।
रुड़की से आठ किलोमीटर दूर गंगनहर किनारे स्थित पिरान कलियर में 13वीं शताब्दी के सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की दरगाह है। इस साल उनका 757वां सालाना उर्स 24 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। 17 दिन चलने वाले इस उर्स में देश भर से लाखों जायरीन पहुंचते हैं। हर साल लगभग 100 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था करीब एक सप्ताह के लिए यहां आता रहा है।
12वें दिन होने वाली बड़ी रोशनी की रस्म के बाद जायरीन स्वदेश लौट जाते हैं। पूर्व में कई बार हिंदू संगठनों की ओर से पाकिस्तानी जायरीन का विरोध भी किया गया था, तब पुलिस और प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तानी जायरीन को कलियर लाया गया और सुरक्षित वापस भेजा गया। पाकिस्तानी जायरीन के उर्स में पहुंचने से पहले ही खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो जाती हैं। उनके यहां रहने तक संवदेनशीलता बनी रहती है।
रिश्तों में तनाव का असर श्रद्धालुओं पर
हर बार भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का असर श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पड़ा है। अतीत में भी कई बार ऐसा हुआ है। या तो भारत ने वीजा देने से इन्कार किया या फिर पाकिस्तान सरकार ने अपने नागरिकों की यात्रा पर रोक लगा दी।
इस बार हालात और भी संवेदनशील बताए जा रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां पहले ही हाई अलर्ट पर हैं। आपरेशन सिंदूर के तहत सेना और सुरक्षा बल पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसे में पिरान कलियर जैसे धार्मिक आयोजन पर सुरक्षा एजेंसियां पैनी नजर बनाए हुए हैं।
सिंध प्रांत से आते हैं हिंदू श्रद्धालु
पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सबसे ज्यादा हिंदू श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं। कई बार अस्थियां विसर्जित करने के लिए भी पाकिस्तान की अलग-अलग धार्मिक संस्थाएं हरिद्वार पहुंच चुकी हैं। आपरेशन सिंदूर के बाद किसी हिंदू श्रद्धालु को भी भारतीय वीजा नहीं मिला है।
वीजा न मिलने के कारण इस बार पाकिस्तानी जायरीन पिरान कलियर उर्स में शामिल नहीं होंगे। आपरेशन सिंदूर को देखते हुए हरिद्वार से लेकर पिरान कलियर तक सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा चाक चौबंद की गई है। मेला प्रभारी की तैनाती करते हुए जल्द ही पुलिस बल आवंटित कर दिया जाएगा। - प्रमेंद्र डोबाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार
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