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Haridwar LokSabha Seat: मोदी लहर में निशंक ने तोड़ा अपना रिकार्ड

मोदी मैजिक की सुनामी ने लगातार दूसरी बार हरिद्वार संसदीय सीट पर भाजपा का परचम लहराया है। यहां भाजपा प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 11:59 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 12:20 PM (IST)
Haridwar LokSabha Seat: मोदी लहर में निशंक ने तोड़ा अपना रिकार्ड
Haridwar LokSabha Seat: मोदी लहर में निशंक ने तोड़ा अपना रिकार्ड

हरिद्वार, अनूप कुमार। मोदी मैजिक की सुनामी ने लगातार दूसरी बार हरिद्वार संसदीय सीट पर भाजपा का परचम लहराया है। यहां भाजपा प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटम प्रत्याशी कांग्रेस के अंबरीष कुमार को दो लाख 54 हजार 786 मतों के अंतर से हराया। 

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सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन के प्रत्याशी डॉ. अंतरिक्ष सैनी बामुश्किल अपनी जमानत बचाकर तीसरे नंबर पर रहे। राज्य निर्माण के बाद हरिद्वार संसदीय सीट पर अब तक हुए तीन संसदीय चुनावों में अलग-अलग राजनीतिक दलों को जीत हासिल हुई है। 

2004 में सपा, 2009 में कांग्रेस और 2014 में भाजपा ने यहां जीत हासिल की थी। यह पहला मौका है जब किसी राजनीतिक दल के प्रत्याशी ने यहां लगातार दूसरी बार जीत हासिल की। भाजपा ने उन विधानसभा क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया, जहां उसके विधायक नहीं हैं। 

ये सभी विधानसभा कांग्रेस और बसपा के वर्चस्व वाली मानी जाती हैं। भाजपा की जीत में मोदी लहर का प्रताप, ठोस चुनावी रणनीति, प्रत्याशी के तौर पर रमेश पोखरियाल निशंक जैसे जाने-पहचाना चेहरे को समय से चुनाव मैदान में उतारना अहम रहा। इसके विपरित कांग्रेस का प्रत्याशी चयन में देरी और गुटबाजी हार का कारण रहा। 

सपा-बसपा और रालोद के महागठबंधन के डॉ. अंतरिक्ष सैनी अपनी बिरादरी और बसपा के कैडर वोटों के सहारे रहे। इसका उन्हें खमियाजा भुगतना पड़ा। 

भाजपा की जीत में क्षेत्र विशेष में मतदाताओं के वोट प्रतिशत के घटने-बढ़ने के साथ-साथ प्रत्याशी विशेष की जगह नेता विशेष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति रुझान दिखाना सबसे महत्वपूर्ण रहा। 

हरिद्वार जिले की अल्पसंख्यक बाहुल विधानसभा मंगलौर, भगवानपुर, पिरान कलियर, लक्सर, खानपुर, झबरेड़ा, ज्वालापुर और हरिद्वार ग्रामीण विधानसभाओं में शहरी क्षेत्र की विधानसभाओं से अधिक मतदान का होने से आशंका जताई जा रही थी। मतदान प्रतिशत अधिक होने के कारण परिणाम भाजपा के प्रतिकूल लग रहा था। 

बावजूद इसके परिणाम भाजपा के अनुकूल ही रहा। इसके विपरीत देहरादून की धर्मपुर, डोईवाला और ऋषिकेश, हरिद्वार की हरिद्वार शहर, हरिद्वार ग्रामीण, रानीपुर, ज्वालापुर, रुड़की, लक्सर, झबरेड़ा, खानपुर विधानसभा में भी भाजपा ने बढ़त बनाए रखी। 

निशंक ने 2014 लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की धर्मपत्नी रेणुका रावत को विपरीत परिस्थितियों में करीब पौने दो लाख मतों के अंतर से पराजित किया था। इस बार उस अंतर को बढ़ाते हुए उसे ढाई लाख से अधिक पहुंचा दिया। 

हर वर्ग, धर्म, जाति और समुदाय का मिला समर्थन

सामाजिक तौर पर हरिद्वार संसदीय क्षेत्र की 14 में से आठ मंगलौर, भगवानपुर, पिरान कलियर, लक्सर, खानपुर, झबरेड़ा, ज्वालापुर और हरिद्वार ग्रामीण पर किसान, अल्पसंख्यक और आरक्षित वर्ग का वर्चस्व है। वहीं, तीन हरिद्वार शहर, भेल-रानीपुर और आंशिक रूप से लक्सर में श्रमिकों का बोलबाला है। 

हरिद्वार शहर और ऋषिकेश में संतों के साथ-साथ पर्वतीय समाज, पंजाबी-ब्राह्मण मतदाताओं की अधिकता है। डोईवाला और धर्मपुर विधानसभा में पर्वतीय समाज प्रभावी है। सभी विधानसभाओं में भाजपा का बेहतर प्रदर्शन रहा।

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