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    Uttarakhand News: अपनी सरकार के फैसले का ही विरोध कर रहे नेता, सीएम धामी से मुलाकात कर की ये मांग

    हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड में संचालित करने के फैसले का विरोध अब सत्तारूढ़ दल तक पहुँच गया है। रानीपुर विधायक आदेश चौहान और महापौर किरण जैसल ने मुख्यमंत्री से मिलकर कॉलेज को राज्य सरकार द्वारा ही संचालित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को सकारात्मक आश्वासन दिया है और कहा है कि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

    By Shailendra prasad Edited By: Ashish Mishra Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:58 AM (IST)
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    सरकार के फैसले का विरोध में अब सत्तारूढ़ दल के नेता। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में संचालित करने के सरकार के फैसले का विरोध अब सत्तारूढ़ दल के नेताओं तक पहुंच गया है। इसमें सत्तारूढ़ दल की नींद लंबे समय बाद खुली है।

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    मंगलवार को रानीपुर विधायक आदेश चौहान और हरिद्वार नगर निगम की महापौर किरण जैसल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड में न देकर राज्य सरकार की ओर से ही संचालित करने की मांग रखी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को इस आशय का पत्र भी सौंपा।

    जनवरी 2025 में उत्तराखंड शासन ने कॉलेज को पीपीपी मोड में देने का निर्णय लिया था। तब से छात्र संगठन, कांग्रेस और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध करते हुए ज्ञापन भी सौंपे, लेकिन सरकार अपने रुख पर कायम रही।

    अब भाजपा के स्थानीय जनप्रतिनिधि भी खुलकर इस फैसले के विरुद्ध खड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री से भेंट कर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि हरिद्वार में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के उद्देश्य से राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण हुआ है। नगर निगम ने इसके लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई।

    ऐसे में इसे पीपीपी मोड में देने से आमजन की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। आदेश चौहान ने कहा कि यदि मेडिकल कॉलेज निजी हाथों में गया तो एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले उत्तराखंड के छात्रों को महंगी फीस चुकानी पड़ेगी और आम जनता के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं भी महंगी हो जाएंगी। यह कदम जनहित के विरुद्ध होगा।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को गंभीरता से सुनते हुए सकारात्मक आश्वासन दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की ओर से अभी तक मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड में देने का कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

    उन्होंने भरोसा दिलाया कि स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।