यूपीएमटी की लिखित परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े में कई छात्रों की गिरफ्तारियां जल्द
यूपीएमटी की लिखित परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में दो प्रशिक्षु डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद अब 20 से ज्यादा छात्रों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
हरिद्वार, जेएनएन। चार साल पहले हुई यूपीएमटी की लिखित परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में दो प्रशिक्षु डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद अब 20 से ज्यादा छात्रों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। इनमें एक दर्जाधारी का बेटा भी शामिल है।
पुलिस ने बताया कि 13 अगस्त 2016 को उत्तराखंड आयुष प्री मेडिकल टेस्ट (यूपीएमटी) की लिखित परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था। सचल दस्ते ने परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र से मिलान किया तो नौ मुन्ना भाईयों को पकड़ा गया था। बाद में कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में ऋषिकुल परिसर के निदेशक की ओर से शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
उपनिरीक्षक रणवीर सिंह चौहान ने मामले की छानबीन करते हुए बाकी छात्रों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया तो 18 छात्र और फर्जी पाए गए। तीन दिन पहले आरोपित मोनिस और सकलैन निवासी जसपुर ऊधमसिंह नगर को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे अन्य छात्रों की गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है।
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इस फेहरिस्त में एक दर्जाधारी के बेटे का नाम भी शामिल है। जल्द ही आरोपित छात्रों की गिरफ्तारी हो सकती है। शहर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि जिन आरोपितों के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले हैं, उनको जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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