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    Maha Ashtami 2023: तीर्थनगरी में आस्था व उल्लास के साथ मनाई गई महा अष्टमी, अष्टमी पर माता स्वरूपा कन्याओं का हुआ पूजन

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandey
    Updated: Sun, 22 Oct 2023 11:22 AM (IST)

    Shardiya Navratri Maha Ashtami 2023 शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर्व आज है। महाअष्टमी के दिन श्रद्धालु घर व मंदिरों में कन्याओं की पूजा कर और उन्हें भोजन कराकर आशीर्वाद लेते हैं क्योंकि कन्याओं को माता का स्वरूप माना जाता है। ऋषिकेश में विभिन्न स्थानों पर आज महाअष्टमी पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने घरों और मंदिरों में कन्याओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद लिया।

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    Maha Ashtami 2023: अष्टमी पर माता स्वरूपा कन्याओं का हुआ पूजन

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Shardiya Navratri Maha Ashtami 2023: शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर्व आज है। महाअष्टमी के दिन श्रद्धालु घर व मंदिरों में कन्याओं की पूजा कर और उन्हें भोजन कराकर आशीर्वाद लेते हैं क्योंकि कन्याओं को माता का स्वरूप माना जाता है। 

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    ऋषिकेश में विभिन्न स्थानों पर आज महाअष्टमी पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने घरों और मंदिरों में कन्याओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद लिया। साथ ही सामर्थ्यनुसार दक्षिणा और उपहार देकर कन्याओं को भोजन कराया। सुबह से ही बालिकाओं की टोलियां गली-मोहल्लों में चहल कदमी करतीं नजर आईं।

    तीर्थनगरी में उल्लास के साथ मनाई गई दुर्गाष्टमी

    रविवार को दुर्गाष्टमी तीर्थनगरी ऋषिकेश में आस्था और उल्लास के साथ मनायी गई। घरों में व्रती श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद आठ से अधिक कन्याओं को जिमाया। घरों में श्रद्धालुओं ने पूड़ी, हलवे, चने आदि का प्रसाद तैयार कर कन्याओं को श्रद्धापूर्वक परोसा। घरों में बोयी हरियाली को भी काटकर माता के चरणों में अर्पित किया। कंजकों को जिमाने के बाद श्रद्धालुओं ने सामर्थ्यनुसार उन्हें दक्षिणा और उपहार दिए।

    कन्याओं को भोजन कराने से मां की बरसती है कृपा

    पंडित कृष्णानंद कोठियाल ने बताया कि प्राचीन काल से मान्यता चल रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन करवाते हैं, उन पर मां भगवती अपनी पूरी कृपा रखती है। इससे पूजा-अर्चना और उपवास सफल होता है।

    आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है शुरुआत

    बता दें कि नवरात्र आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस वर्ष देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर आई जिसे बहुत ही शुभ माना गया है। शारदीय नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक साधक उपवास और देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करते हैं। इस बार नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर से हुई। तिथि के हिसाब से आज हर जगह महाअष्टमी मनाई जा रही है।

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