कांवड़ यात्रा के चलते उत्तराखंड में रसोई गैस किल्लत! पहाड़ से मैदान तक लोग हो सकते हैं परेशान
कांवड़ यात्रा के चलते हरिद्वार में रसोई गैस की किल्लत हो सकती है क्योंकि रूट बदलने से आपूर्ति प्रभावित है। मथुरा से देहरादून और हरिद्वार के प्लांट में गैस पहुंचने में देरी हो रही है जिससे पहाड़ों तक आपूर्ति बाधित हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि स्टॉक की निगरानी की जा रही है ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से कांवड़ यात्री पहुंच रहे हैं। जिन जिलों में ये यात्री पहुंच रहे हैं, वहां कई जगहों पर रूट डायवर्ट किए गए हैं। ऐसे में पहाड़ से लेकर मैदान तक रसोई गैस की किल्लत हो सकती है। रूट डायवर्ट होने से रसोई गैस के वाहनों को पहुंचने में समय लग रहा है। जैसे ही डाक कांवड़ शुरू होगा, उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा से हापुड़, बुलंदशहर होते हुए उत्तराखंड में पहुंचने वाले रूट को कई जगहों पर डायवर्ट किया गया है। इसके चलते इंडेन गैस प्लांट मथुरा से देहरादून में गैस आपूर्ति ठप हो गई है और हरिद्वार के इंडियन गैस प्लांट रानीपुर में भी स्टाक खत्म होने की कगार पर है।
नहीं हो पा रही रसोई गैस की आपूर्ति
वहीं, पहाड़ों की गैस एजेंसियों तक भी रसोई गैस की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम गैस प्लांट भगवानपुर के पास भी एक या दो दिन का ही स्टाक बचा हुआ है। ऐसे में डाक कांवड़ के दौरान धर्मनगरी में भीड़ की स्थिति बनी रहती है। हाईवे से लेकर अन्य रास्ते जाम हो जाते हैं, जिससे पहाड़ों को जाने वाले रसोई गैस की आपूर्ति बाधित हो सकती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को रसोई गैस किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
रूट डायवर्ट होने के चलते मथुरा गैस प्लांट से देहरादून और हरिद्वार के प्लांट में गैस नहीं पहुंच पा रही है। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में पहुंचने के लिए कई जगहों पर रूट डायवर्ट किया गया है। दोनों प्लांट में केवल एक दिन का ही स्टाक बचा हुआ है। यहीं से पहाड़ों की एजेंसियों को भी सप्लाई की जाती है। ऐसे में पहाड़ों तक भी रसोई गैस की आपूर्ति ठप हो गई है, स्टाक भी मुश्किल से एक दिन ही चल पाएगा। इससे पहाड़ से मैदान तक रसोई गैस की किल्लत हो सकती है। - स्वर्ण सिंह, डिवीजन सेल्स आफिसर इंडेन, देहरादून
प्लांट में अभी तक स्टाक है। अगर गैस की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंचती हैं, तो रसोई गैस की किल्लत सामने आ सकती है। जिले के लिए तो पर्याप्त स्टाक है, लेकिन पहाड़ के लिए स्टाक कम हो सकता है। इससे उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। अधिकतर गाड़ियां देरी से प्लांट में पहुंच पा रही हैं। - धीरज त्यागी, प्लांट मैनेजर, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भगवानपुर
जिले के एलपीजी बाटलिंग प्लांट के मैनेजरों से बैठक की जा रही है। साथ ही उनसे स्टाक के बारे में भी जानकारी ली जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की रसोई गैस की किल्लत का उपभोक्ताओं को सामना न करना पड़े। - तेजबल सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी, हरिद्वार
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