भारतीय सेना के जवान युद्धाभ्यास 'राम प्रहार' में सीख रहे युद्ध कौशल, टैंक, ड्रोन और एआइ का हो रहा उपयोग
हरिद्वार के दुर्गम क्षेत्रों में भारतीय सेना का युद्धाभ्यास 'राम प्रहार' चल रहा है। पश्चिमी कमान द्वारा आयोजित इस अभ्यास का उद्देश्य सेना की रणनीतिक तैयारी, तकनीकी दक्षता और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन क्षमता को सुदृढ़ करना है। इसमें विभिन्न सैन्य टुकड़ियाँ और आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि युद्ध कौशल को बेहतर बनाया जा सके।

हरिद्वार के दुर्गम क्षेत्रों में राम प्रहार के तहत युद्धाभ्यास करते भारतीय सेना के जवान: साभार- भारतीय सेना
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : भारतीय सेना के जवान हरिद्वार के दुर्गम इलाकों में अभ्यास कर रहे हैं। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान की ओर से संचालित उच्च पर्वतीय युद्धाभ्यास राम प्रहार के तहत यह अभ्यास सेना की रणनीतिक तैयारी, तकनीकी दक्षता और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में समन्वित संचालन क्षमता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
सेना की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी में बताया गया कि इस बहुआयामी अभ्यास में पर्वतीय युद्धक टुकड़ियों, विशेष बलों, मैकेनाइज्ड तत्वों, आर्टिलरी, इंजीनियरिंग डिटैचमेंट, एविएशन संसाधनों तथा संचार इकाइयों की सक्रिय भागीदारी शामिल है।
राम प्रहार का उद्देश्य वास्तविक युद्ध-परिदृश्यों में त्वरित प्रतिक्रिया, अंतर-सेना समन्वय, लाजिस्टिक समर्थन और अत्याधुनिक तकनीकों के समेकित उपयोग का परीक्षण करना है।
राम प्रहार के दौरान ड्रोन-आधारित निगरानी प्रणाली, नाइट-विजन क्षमताएं, उपग्रह-आधारित संचार, उन्नत हथियार प्रणालियां और एआइ-सक्षम सामरिक विश्लेषण साधनों का भी उपयोग किया जा रहा है।
इन आधुनिक संसाधनों का उद्देश्य कम समय में सटीक जानकारी उपलब्ध कराना, दुर्गम इलाकों में लक्ष्य-सटीकता बढ़ाना व कमांडरों को वास्तविक समय में प्रभावी निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना है। अभ्यास में विभिन्न शाखाओं पैदल सेना, आर्टिलरी, आर्मी एविएशन, इंजीनियर्स और सिग्नल कोर के बीच संयुक्त संचालन का व्यापक परीक्षण किया गया है।
बताया कि अगले चरणों में सैनिकों को और अधिक जटिल परिदृश्यों जैसे संयुक्त एयर-लैंड आपरेशन, पर्वतीय घेराबंदी रणनीति, बहु-स्तरीय रिस्पांस ड्रिल और महत्वपूर्ण संसाधनों की रक्षा के प्रशिक्षण से गुजरना होगा।
अभ्यास के समापन पर एक उच्च स्तरीय मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न इकाइयों के प्रदर्शन, सामरिक प्रतिक्रियाओं व तकनीकी प्रणालियों की प्रभावशीलता का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा।
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