हेमकुंट एक्सप्रेस एक माह से ठप, रेलवे की लापरवाही से यात्रियों का सफर हुआ बेपटरी
हेमकुंट एक्सप्रेस के रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे ने पहले 28 सितंबर तक सेवा बहाल करने की बात कही थी लेकिन 15 अक्टूबर तक इंतजार करने को कहा है। इससे नौकरी पढ़ाई और व्यापार पर असर पड़ रहा है। यात्री वैकल्पिक ट्रेन या पास सुविधा की मांग कर रहे हैं रेलवे अधिकारी समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं।

संवाद सहयोगी जागरण,रुड़की। हेमकुंट एक्सप्रेस(14609) रद्द हुए एक माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन रेलवे प्रशासन अब तक इसे बहाल नहीं कर पाया है। पहले 28 सितंबर तक संचालन शुरू होने की बात कही गई थी, अब नई तारीख 15 अक्टूबर बता दी गई है।
इस टालमटोल ने रोज़मर्रा के सैकड़ों यात्रियों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है। रोजाना रेलयात्रियों के लिए यह सफर मुसाबित भरा हो रहा है। रेलयात्रियों का कहना है कि रेलवे की लापरवाही ने नौकरी, पढ़ाई और रोज़गार सब पर संकट डाल दिया है।
दरअसल अगस्त माह में जम्मू क्षेत्र में हुई भारी वर्षा से रेल पटरियां और पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके बाद हेमकुंट एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को अस्थायी तौर पर रद्द कर दिया गया। रेलवे की सूचना के मुताबिक तय किया गया था कि 28 सितंबर तक सेवा बहाल हो जाएगी, लेकिन अब रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट एनटीईएस पर साफ लिखा है कि ट्रेन 15 अक्टूबर तक कैंसिल ही रहेगी।
रुड़की और आसपास के कस्बों से सहारनपुर, यमुनानगर और अंबाला जाने वाले सैकड़ों यात्री इस ट्रेन पर निर्भर थे। हेमकुंट एक्सप्रेस शाम सात बजे उनकी एकमात्र सहूलियत थी। अब यात्री या तो रात 10.15 बजे की बाड़मेर एक्सप्रेस में भीड़ में धक्के खाते हैं या फिर जेब ढीली करके मोटरमार्ग से सफर करते हैं।
रुड़की हरिद्वार इंडस्ट्रियल एरिया में कार्य करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि देर से दफ्तर पहुंचने पर नौकरी पर असर पड़ रहा है। हर दिन मोटरमार्ग का किराया देना हमारी जेब पर भारी है। आधा वेतन सफर में खत्म हो रहा है। वही छात्रों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा छोटे व्यापारी भी परेशान हैं। जिससे उनकी माल सप्लाई लेट हो रही है, ग्राहक नाराज़ हैं। कारोबार का नुकसान रेलवे की ढिलाई की सीधी देन है।
रेलयात्रियों का कहना है कि रेलवे को बिना वैकल्पिक इंतज़ाम किए ट्रेन ठप करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने मांग की है कि जल्द ही वैकल्पिक तौर पर विशेष ट्रेन शुरू की जाए, या फिर शताब्दी एक्सप्रेस में अस्थायी तौर पर पास सुविधा दी जाए। वही रोजाना रेलयात्रियों का कहना है कि बड़े शहरों की ट्रेनों को रेलवे तुरंत बहाल कर देता है, लेकिन छोटे कस्बों के यात्रियों की तकलीफ उसे दिखाई ही नहीं देती। यह दोहरी नीति अब बर्दाश्त नहीं होगी।
हेमकुंट एक्सप्रेस के लिए री-शेड्यूलिंग और वैकल्पिक मार्गों पर मंडलों के बीच बातचीत चल रही है। यात्रियों की सुविधा बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अन्य रेलमंडल जम्मू, अंबाला को पत्र लिखा गया है। उधर से संस्तुति होने पर संचालन बहाल कर दिया जाएगा। - आदित्य गुुप्ता, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, मुरादाबाद डिविजन
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