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    हरिद्वार की औरंगाबाद ग्राम पंचायत की हरियाली की काशी में चर्चा, हाउस आफ हिमालयाज को मॉडल के रूप में सराहा

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 05:29 AM (IST)

    वाराणसी में नीति आयोग के सम्मेलन में हरिद्वार के औरंगाबाद ग्राम पंचायत के ग्रीन पैच की सराहना हुई। मनरेगा और सीएसआर फंड से विकसित इस पैच में पौधरोपण किया गया है। उत्तराखंड ने पर्यावरण संरक्षण की इस पहल का प्रस्तुतीकरण किया, जिसे अन्य राज्यों ने भी सराहा। हाउस ऑफ हिमालयाज को भी स्थानीय उत्पादों के मॉडल के रूप में सराहा गया।

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    राज्य ब्यूरो, देहरादून। हरिद्वार जिले के बहादराबाद विकासखंड की औरंगाबाद ग्राम पंचायत में ग्राम समाज की दो हेक्टेयर भूमि में विकसित किए गए ग्रीन पैच की चर्चा शुक्रवार काशी में भी खूब हुई। अवसर था नीति आयोग की ओर से वाराणसी में आयोजित सम्मेलन बेस्ट प्रैक्टिसेज आफ स्टेट, जिसमें उत्तराखंड की ओर से इस ग्राम पंचायत में पर्यावरण संरक्षण को लेकर हुई पहल पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।

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    अन्य राज्यों ने भी इसे सराहा। खास बात यह है कि मनरेगा और ल्युमिनस कंपनी के सीएसआर मद के कन्वर्जन से इस ग्रीन पैच को तैयार करने के साथ ही देखरेख के लिए केयर टेकर की व्यवस्था भी की गई है।

    उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के आकांक्षी जिलों व ब्लाक को सरसब्ज बनाने के लिए विकास के 49 क्षेत्रों की दिशा में क्या-क्या बेहतर पहल हुई हैं, इसे लेकर नीति आयोग ने वाराणसी में सम्मेलन का आयोजन किया।

    इसमें उत्तराखंड के आकांक्षी ब्लाक बहादराबाद के औरंगाबाद की पहल को प्रस्तुतीकरण के लिए चुना गया था। सम्मेलन में बहादराबाद के बीडीओ मानस मित्तल ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि औरंगाबाद ग्राम पंचायत की भूमि पर ग्रीन पैच के रूप में विकसित करने के लिए इसे खाली कराया गया।

    इस भूमि पर अतिक्रमण भी था। इसे विकसित करने के लिए मनरेगा और सीएसआर मद के उपयोग का निर्णय लिया गया। ल्यूमिनस कंपनी ने सीएसआर मद से इसके लिए मदद की है।

    उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इस दो हेक्टेयर भूमि में नीम, जामुन समेत विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए। इस वर्ष भी वर्षाकाल में वहां पौधारोपण किया गया। पौधों की देखरेख के लिए केयर टेकर की नियुक्ति की गई। नतीजा यह रहा कि यह ग्रीन पैच बेहतर ढंग से विकसित हो रहा है। भविष्य में इसे और विस्तार देने की भी योजना है।

    हाउस आफ हिमालयाज की भी गूंज

    सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फार इंपावरिंग एंड ट्रांसफार्मिंग उत्तराखंड) आयोग के निदेशक डा मनोज पंत ने भी राज्य में सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति के दृष्टिगत नवाचार पर रोशनी डाली। इस कड़ी में वोकल फार लोकल के तहत हाउस आफ हिमालयाज का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को लेकर यह बेहतरीन माडल बनकर उभरा है।

    इससे राज्य के स्वयं सहायता समूहों, किसानों, किसान उत्पादक समूहों को लाभ मिला है। डा पंत के अनुसार उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2021-22 से एसडीजी अवार्ड देने की परंपरा शुरू की गई है। अब तक 60 बेस्ट प्रैक्टिसेज को पुरस्कृत किया जा चुका है।

    सम्मेलन में ऊधम सिंह नगर जिले के सीडीओ दिवेश शाशनी, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण पौड़ी के परियोजना निदेशक विवेक उपाध्याय, हरिद्वार के सीएमओ डा आरके सिंह, दिल्ली में तैनात उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा के अलावा बागेश्वर के सीएमओ समेत आकांक्षी ब्लाक बहादराबाद, गदरपुर, स्याल्दे, कपकोट, मोरी व दुगड्डा के जिला व ब्लाक स्तरीय अधिकारियों ने भी भाग लिया।